Mahashivratri 2025: भगवान शिव की पूजा के लिए महाशिवरात्रि साल का सबसे महत्वपूर्ण दिन माना जाता है. मान्यतानुसार महाशिवरात्रि पर ही महादेव (Lord Shiva) और माता पार्वती का विवाह हुआ था. इस अवसर पर असुर और देवता सभी महादेव की बारात में शामिल हुए थे. कहा जाता है कि महाशिवरात्रि का व्रत रखने पर मनचाहे वर की प्राप्ति होती है और शादीशुदा लोगों को अच्छे वैवाहिक जीवन का वरदान मिलता है. मान्यतानुसार महाशिवरात्रि पर महादेव की पूरे मनोभाव से पूजा की जाए तो महादेव प्रसन्न होकर भक्तों पर अपनी कृपा बरसाते हैं. ऐसे में यहां जानिए आज महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा किस समय की जा सकती है, पूजा सामग्री (Puja Samagri) में कौनसी चीजें शामिल करें, क्या है पूजा विधि और किन चीजों का भोग लगाना शुभ मना जाता है.
महाशिवरात्रि की पूजा का शुभ मुहूर्त | Mahashivratri Puja Shubh Muhurt
महाशिवरात्रि पर जलाभिषेक का शुभ मुहूर्त (Jalabhishek Shubh Muhurt) ब्रह्म मुहूर्त माना जाता है. इसके अलावा प्रात: काल का शुभ मुहूर्त 6 बजकर 47 मिनट से 9 बजकर 42 मिनट है. मध्यान्ह का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 6 मिनट से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट है. प्रदोष काल का शुभ मुहूर्त दोपहर 3 बजकर 25 मिनट से शाम 6 बजकर 8 मिनट है और रात्रि मुहूर्त रात 8 बजकर 54 मिनट से रात 12 बजकर 1 मिनट तक है.
महाशिवरात्रि पर रात्रि में चार प्रहर के शुभ मुहूर्त बन रहे हैं जिनमें महादेव की पूजा संपन्न की जा सकती है.
रात्रि प्रथम प्रहर की पूजा - 26 फरवरी 6:19 पीएम से 9:26 पीएम तक
रात्रि द्वितीय प्रहर की पूजा - 26 फरवरी 9:26 पीएम से 12:34 पीएम तक
रात्रि तृतीय प्रहर की पूजा - 27 फरवरी 12:34 एएम से 3:41 एएम तक
रात्रि चतुर्थ प्रहर की पूजा - 27 फरवरी 3:41 एएम से 6:48 एएम तक
महाशिवरात्रि की रात निशिता काल में पूजा का विधान है. ऐसे में निशिता काल का मुहूर्त 27 फरवरी 12:09 एएम (26 फरवरी की मध्यरात्रि) से 12:59 एएम तक रहने वाला है.
- महादेव और मां पार्वती की तस्वीर या शिवलिंग
- धतूरा
- भांग
- बेलपत्र
- गाय का दूध
- घी
- दही
- मदार के फूल
- बेर
- मौसमी फल
- भांग
- शमी के पत्ते
- बेलपत्र
- सफेद चंदन
- अक्षत
- दीप
- धूप
- लौंग
- इलायची
- केसर
- पान
- महाशिवरात्रि पर सुबह स्नान पश्चात स्वच्छ वस्त्र धारण करने के बाद भोलेनाथ का स्मरण किया जाता है और व्रत का संकल्प लिया जाता है.
- महाशिवरात्रि पर सुबह मंदिर जाकर शिवलिंग पर जल चढ़ा सकते हैं लेकिन महाशिवरात्रि की असल पूजा रात के समय की जाती है.
- शिवलिंग का जलाभिषेक किया जाता है. दूध और दही से भी अभिषेक करते हैं.
- पूजा सामग्री महादेव के समक्ष अर्पित की जाती है.
- इसके पश्चात महादेव को भोग (Bhog) लगाया जाता है, आरती और मंत्रों के जाप के साथ ही पूजा का समापन होता है.
महाशिवरात्रि पर महादेव को खीर, हलवा, ठंडाई, लस्सी, सूखा मावा, सफेद बर्फी और मालपुए का भोग लगाया जा सकता हैं.
करें शिव मंत्र का जाप- ओम नम: शिवाय
- ओम शिवाय नम:
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)