महाकुंभ में ऐप से ई-रिक्शा और ई-ऑटो की बुकिंग कर सकेंगे श्रद्धालु

Maha Kumbh 2025: जिन श्रद्धालुओं को हिंदी अथवा अंग्रेजी भाषा में संवाद करने में दिक्कत है, उनकी सुविधा के लिए सभी चालकों को गूगल वॉइस असिस्टेंस का प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

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300 ई-रिक्शा के साथ पूरे प्रयागराज में इसकी शुरुआत की जा रही है.
प्रयागराज:

महाकुंभ मेला 2025 में आने वाले श्रद्धालुओं की सुगम, सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा के लिए 'ओला' और 'उबर' की तर्ज पर ऐप (App) के जरिए ई-रिक्शा और ई-ऑटो की बुकिंग की सुविधा 15 दिसंबर से शुरू की जा रही है. मेला प्राधिकरण के एक अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इन इलेक्ट्रिक वाहनों के चालक पूरी तरह से प्रशिक्षित होंगे और श्रद्धालुओं के साथ अच्छा व्यवहार करेंगे. मेला के दौरान पिंक टैक्सी की भी सुविधा उपलब्ध होगी जिसमें महिलाएं चालक होंगी.

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उन्होंने बताया कि महाकुंभ से पहले इस तरह की पहल से श्रद्धालुओं को ना सिर्फ सुविधाजनक और सस्ती स्थानीय यात्रा सुविधा का लाभ मिलेगा, बल्कि पर्यावरण अनुकूल परिवहन को भी बल मिलेगा. 

ऐप के जरिए बुकिंग सुविधा देने जा रही स्टार्टअप कंपनी कॉम्फी ई-मोबिलिटी की संस्थापक और निदेशक मनु गुप्ता ने बताया कि 15 दिसंबर से शुरू हो रही इस सेवा में श्रद्धालु स्थानीय सवारी के लिए ई वाहनों को चुन सकेंगे. खास बात यह है कि सभी चालकों को आगंतुकों से अच्छा व्यवहार करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा.

उन्होंने बताया कि जिन श्रद्धालुओं को हिंदी अथवा अंग्रेजी भाषा में संवाद करने में दिक्कत है, उनकी सुविधा के लिए सभी चालकों को गूगल वॉइस असिस्टेंस का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. यह इलेक्ट्रिक वाहन रेलवे स्टेशन, बस अड्डा, हवाई अड्डा और सभी होटलों के आस-पास उपलब्ध रहेंगे. इसमें महिला चालक के साथ पिंक सेवा का भी प्रावधान है.

गुप्ता ने बताया कि महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं को किफायती दर पर स्थानीय यात्रा की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए किसी भी चालक से कमीशन नहीं लिया जाएगा. सुरक्षित यात्रा के लिए प्रत्येक चालक और वाहन मालिक का सत्यापन कराया गया है. 300 ई-रिक्शा के साथ पूरे प्रयागराज में इसकी शुरुआत की जा रही है.

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उन्होंने बताया कि कंपनी से अनुबंधित सभी ई-रिक्शा और ऑटो पर जीपीएस से नजर रखी जाएगी और किराया भी पूरी तरह से पारदर्शी होगा जिसे प्रति किलोमीटर के हिसाब से निर्धारित किया गया है. किसी तरह की असुविधा होने पर श्रद्धालु कॉल सेंटर पर शिकायत कर सकेंगे.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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