Magh Purnima 2025: आज माघ पूर्णिमा के दिन लक्ष्मी नारायण को प्रसन्न करने के लिए कर सकते हैं इन खास मंत्रों का जाप

Magh Purnima 2025 Puja: माघ पूर्णिमा के दिन पूजा का विशेष महत्व होता है. यहां जानिए इस दिन किन मंत्रों के साथ पूजा संपन्न की जा सकती है.

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Magh Purnima Mantra: माघ पूर्णिमा पर कुछ मंत्रों का जाप करना बेहद शुभ होता है.

Magh Purnima 2025: हिंदू धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या की तिथियां बहुत महत्वपूर्ण होती हैं. पूर्णिमा के दिन स्नान, दान और पूजापाठ को बहुत शुभ और फलदाई माना जाता है. किसी-किसी माह की पूर्णिमा को और भी खास माना जाता है. माघ माह की पूर्णिमा का भी बहुत महत्व है. माघ माह की पूर्णिमा को स्नान और दान (Snan Daan) करने का विशेष लाभ होता है. इस दिन विष्णु भगवान के लक्ष्मी नारायण स्वरूप और चंद्रदेव की पूजा की जाती है. इसके साथ ही पितरों की शांति के लिए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान भी किए जाते हैं. मान्यता है कि माघ माह की पूर्णिमा को विधि-विधान से लक्ष्मी नारायण की पूजा से जीवन में सुख और समृद्धि में वृद्धि होती है और सभी प्रकार की परेशानियों से मुक्ति प्राप्त होती है. इस दिन पूजा के दौरान कुछ खास मंत्रों (Mantra) के जाप से बहुत लाभ होता है. इन मंत्रों के जाप से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है. आइए जानते हैं इस दिन कौन से मंत्रों का करना चाहिए जाप.

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माघ पूर्णिमा की पूजा | Magh Purnima Puja

माघ माह की पूर्णिमा तिथि 11 फरवरी मंगलवार को शाम 6 बजकर 55 मिनट पर शुरू होकर 12 फरवरी बुधवार को शाम 7 बजकर 22 मिनट समाप्त हो रही है. ऐसे में माघ पूर्णिमा का व्रत 12 फरवरी, बुधवार को रखा जाएगा. माघ पूर्णिमा के दिन नदी में स्नान और दान करने को अत्यंत शुभ माना जाता है. लोग ब्रह्म मुहूर्त में नदी स्नान करते हैं और इसके बाद पूजापाठ और दान करते हैं. माघ पूर्णिमा के दिन स्नान-दान का शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurt) सुबह 5 बजकर 19 मिनट से लेकर सुबह 6 बजकर 10 मिनट तक है. व्रत रखने वाले चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का पारण करते हैं. चंद्रोदय का समय शाम 6 बजकर 32 मिनट है.

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माघ पूर्णिमा पर करें इन मंत्रों का जाप 

माघ पूर्णिमा को भगावान विष्णु के लक्ष्मी नारायण स्वरूप और चंद्रदेव की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है. इस दिन भगवान विष्णु, देवी लक्ष्मी और चंद्रदेव की कृपा प्राप्त करने के लिए इन मंत्रों का करें जाप.

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श्री हरि विष्णु मंत्र 

ॐ नमोः नारायणाय

ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय

ॐ श्री विष्णवे च वासुदेवाय धीमहि, तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्

श्री विष्णु रूपम मंत्र

शान्ताकारम् भुजगशयनम् पद्मनाभम् सुरेशम् विश्वाधारम् गगनसदृशम् मेघवर्णम् शुभाङ्गम्. 

लक्ष्मीकान्तम् कमलनयनम् योगिभिर्ध्यानगम्यम्

मां लक्ष्मी मंत्र

ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः

ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद,

ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:

चंद्रदेव का मंत्र

ऊँ ऐं क्लीं सोमाय नमः

ऊँ श्रीं श्रीं चन्द्रमसे नमः

ऊँ श्रां श्रीं श्रौं चन्द्रमसे नमः

ऊँ चन्द्रपुत्राय विदमहे रोहिणी प्रियाय धीमहि तन्नोबुधः प्रचोदयात।

ऊँ चं चंद्रमस्यै नमः

माघ पूर्णिमा का महत्व 

माझा माह की पूर्णिमा तिथि पर भगवान श्रीहरि, मां लक्ष्मी और चंद्रदेव की पूजा का विधान है. इस दिन को श्री हरि विष्णु और मां लक्ष्मी को प्रसन्न के लिए सबसे शुभ दिन माना गया है. माघ पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान करना भी बहुत ही शुभ फलदाई माना जाता है. वहीं, माघ पूर्णिमा के दिन पूजा के दौरान भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति पर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है. इस दिन का बहुत महत्व है लेकिन कुछ चीजों का दान वर्जित माना जाता है. इस दिन भूलकर भी लोहे, चांदी, नमक का दान नहीं करना चाहिए. लोहे का दान करने से शनि देव नाराज हो सकते हैं. चांदी दान करने से चंद्र दोष लगने का भय होता है. नमक दान करने से राहु दोष लगने का भय होता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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