Laxmi Chalisa: लक्ष्मी मां होती हैं प्रसन्न अगर भक्त शुक्रवार को करते हैं ये शुभ काम, मान्यता है बरसती है मां की कृपा और पूरी होती है मनोकामना!

Laxmi Chalisa: शुक्रवार धन की देवी मां लक्ष्मी को समर्पित माना गया है. इस दिन श्री लक्ष्मी चालीसा का पाठ करना लाभकारी माना गया है.

विज्ञापन
Read Time: 25 mins
Laxmi Chalisa: श्री लक्ष्मी चालीसा मां लक्ष्मी को समर्पित माना गया है.

Laxmi Chalisa: शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी (Maa Lakshmi) को समर्पित माना गया है. माना जाता है कि इस दिन विशेष पूजा (Special Puja) और आराधना करने से मां लक्ष्मी (Maa Lakshmi) प्रसन्न होती हैं. हिंदू धर्म शास्त्रों मां लक्ष्मी (Maa Lakshmi) को धन का देवी कहा गया है. मान्यता है कि हर प्रकार की विपदा से छुटकारा पाने के लिए श्री लक्ष्मी चालीसा (Laxmi Chalisa) का पाठ लाभकारी साबित हो सकता है. दरअसल मान्यता है कि श्री लक्ष्मी चालीसा (Shree Lakshmi Chalisa) का पाठ करने से मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है. साथ ही जीवन आनंद और सुखमय बना रहता है. आइए जानते हैं श्री लक्ष्मी चालीसा. 

Shree Lakshmi Chalisa (श्री लक्ष्मी चालीसा)

सोरठा

यही मोर अरदास, हाथ जोड़ विनती करुं
सब विधि करौ सुवास, जय जननि जगदंबिका

चौपाई

सिन्धु सुता मैं सुमिरौ तोही, ज्ञान बुद्घि विघा दो मोही


श्री लक्ष्मी चालीसा (Shree Lakshmi Chalisa)


तुम समान नहिं कोई उपकारी, सब विधि पुरवहु आस हमारी
जय जय जगत जननि जगदंबा सबकी तुम ही हो अवलंबा

तुम ही हो सब घट घट वासी, विनती यही हमारी खासी
जगजननी जय सिन्धु कुमारी, दीनन की तुम हो हितकारी

विनवौं नित्य तुमहिं महारानी, कृपा करौ जग जननि भवानी
केहि विधि स्तुति करौं तिहारी, सुधि लीजै अपराध बिसारी

कृपा दृष्टि चितववो मम ओरी, जगजननी विनती सुन मोरी
ज्ञान बुद्घि जय सुख की दाता, संकट हरो हमारी माता

क्षीरसिन्धु जब विष्णु मथायो, चौदह रत्न सिन्धु में पायो
चौदह रत्न में तुम सुखरासी, सेवा कियो प्रभु बनि दासी

जब जब जन्म जहां प्रभु लीन्हा, रुप बदल तहं सेवा कीन्हा
स्वयं विष्णु जब नर तनु धारा, लीन्हेउ अवधपुरी अवतारा

तब तुम प्रगट जनकपुर माहीं, सेवा कियो हृदय पुलकाहीं
अपनाया तोहि अन्तर्यामी, विश्व विदित त्रिभुवन की स्वामी

तुम सम प्रबल शक्ति नहीं आनी, कहं लौ महिमा कहौं बखानी
मन क्रम वचन करै सेवकाई, मन इच्छित वांछित फल पाई

Advertisement

तजि छल कपट और चतुराई, पूजहिं विविध भांति मनलाई
और हाल मैं कहौं बुझाई, जो यह पाठ करै मन लाई

ताको कोई कष्ट नोई, मन इच्छित पावै फल सोई
त्राहि त्राहि जय दुःख निवारिणि, त्रिविध ताप भव बंधन हारिणी

जो चालीसा पढ़ै पढ़ावै, ध्यान लगाकर सुनै सुनावै
ताकौ कोई न रोग सतावै, पुत्र आदि धन सम्पत्ति पावै

पुत्रहीन अरु संपति हीना, अन्ध बधिर कोढ़ी अति दीना
विप्र बोलाय कै पाठ करावै, शंका दिल में कभी न लावै

पाठ करावै दिन चालीसा, ता पर कृपा करैं गौरीसा
सुख सम्पत्ति बहुत सी पावै, कमी नहीं काहू की आवै

बारह मास करै जो पूजा, तेहि सम धन्य और नहिं दूजा
प्रतिदिन पाठ करै मन माही, उन सम कोइ जग में कहुं नाहीं

Advertisement

बहुविधि क्या मैं करौं बड़ाई, लेय परीक्षा ध्यान लगाई
करि विश्वास करै व्रत नेमा, होय सिद्घ उपजै उर प्रेमा

जय जय जय लक्ष्मी भवानी, सब में व्यापित हो गुण खानी
तुम्हरो तेज प्रबल जग माहीं, तुम सम कोउ दयालु कहुं नाहिं

Advertisement

मोहि अनाथ की सुधि अब लीजै, संकट काटि भक्ति मोहि दीजै
भूल चूक करि क्षमा हमारी, दर्शन दजै दशा निहारी

बिन दर्शन व्याकुल अधिकारी, तुमहि अछत दुःख सहते भारी
नहिं मोहिं ज्ञान बुद्घि है तन में, सब जानत हो अपने मन में

Advertisement

रुप चतुर्भुज करके धारण, कष्ट मोर अब करहु निवारण
केहि प्रकार मैं करौं बड़ाई, ज्ञान बुद्घि मोहि नहिं अधिकाई

दोहा

त्राहि त्राहि दुख हारिणी, हरो वेगि सब त्रास
जयति जयति जय लक्ष्मी, करो शत्रु को नाश
रामदास धरि ध्यान नित, विनय करत कर जोर
मातु लक्ष्मी दास पर, करहु दया की कोर

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

वाराणसी : ज्ञानवापी मस्जिद और श्रृंगार गौरी मंदिर मामले में कल हो सकता है सर्वे

Featured Video Of The Day
Parliament में धक्का-मुक्की में घायल सांसदों Pratap Sarangi और Mukesh Rajput को अस्पताल से छुट्टी
Topics mentioned in this article