Lotus Temple: देश की राजधानी दिल्ली कई ऐतिहासिक इमारतों और दर्शनीय स्थलों के लिए प्रसिद्ध है. दिल्ली में कई ऐसे ऐतिहासिक स्थल और मंदिर हैं, जिन्हें देखने के लिए विदेशी पर्यटक भी काफी संख्या में आते हैं. दिल्ली में एक ऐसा स्मारक है जिसकी खूबसूरती दर्शकों का मन मोह लेती है. इसकी खूबसूरती का आंनंद लने के लिए लोग घंटों टकटकी लगाए रहते हैं. दरअसल दिल्ली का लोटस टेंपल (Lotus Temple) देखकर लोगों के मन में एक ही सवाल बारंबार उठता है कि इसे बनने के पीछे मकसद क्या था और इसको क्यों बनाया गया. ऐसे में अगर आप भी दिल्ली का कमल मंदिर (Lotus Temple) धूमने का प्लान कर रहे हैं तो जान लीजिए इसके जुड़ी खास बातें.
लोटस टेंपल में किन देवी-देवताओें की मूर्ति है
वैसे तो लोटस टेंपल (Lotus Temple) को बहाई संप्रदाय से जोड़कर देखा जाता है. लेकिन यहां किन्हीं देवी देवता की मूर्ति नहीं है. लोटस टेंपल को देखने लोग भारत और दुनिया के कोने-कोने से आते रहते हैं. औसतन 10 हजार पर्यटर यहां रोजाना विजिट करते हैं. दक्षिणी दिल्ली के नेहरु प्लेस स्थित लोटस टेंपल का निर्माण सन 1986 ईस्वी के दौरान हुआ था. यह मंदिर काफी बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है.
लोटस टेंपल प्रवेश शुल्क | Lotus Temple Entry fee
लोटस टेंपल जो कि दिल्ली का एक शानदार पर्यटक स्थल माना जात है. यहां प्रवेश निःशुल्क है यानी यहां फ्री में घूम सकते हैं.
लोटस टेंपल कैसे पहुंचे | How to reach Lotus Temple
लोटस टेंपल जाने के लिए दिल्ली के कोने-कोने से बस की सुविधा उपलब्ध है. इसके अलावा दिल्ली के सभी प्रमुख रेलवे स्टेशनों से बस और टैक्सी आसानी से मिल जाते हैं. इसके अलावा मेट्रो से जाने के लिए नजदीकी मेट्रो स्टेशन कालका जी मेट्रो स्टेशन है. वहां से लोटस टेंपल महज 500 मीटर की दूरी पर स्थित है.
लोटस टेंपल किस दिन बंद रहता है | When Lotus Temple Closed
लोटस टेंपल मंगलवार से रविवार के बीच जाना अच्छा रहेगा, क्योंकि सोमवार को कमल मंदिर बंद रहता है. मंदिर में हर दिन नियमित अंतराल पर 15 मिनट के लिए प्रार्थना सत्र का आयोजन किया जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)