Chandra Dosha effect: ज्योतिष शास्त्र में 9 प्रमुख ग्रह माने गए हैं. इन्हीं ग्रहों की स्थिति के मुताबिक कुडली का निर्णाम किया जाता है. कुंडली में हर ग्रह का अपना अलग-अलग महत्व होता है. कुंडली के शुभ ग्रह जहां व्यक्ति को तरक्की पर ले जाते हैं, वहीं अशुभ ग्रह के प्रभाव से जीवन में कई तरह की मुश्किलें आती हैं. ज्योतिष के मुताबिक कुंडली का चंद्रमा जातक की मानसिक स्थिति को दर्शाता है. अगर कुंडली का चंद्रमा शुभ ग्रह और शुभ स्थिति में है तो व्यक्ति की मानसिक शक्ति और उसका संतुलन अच्छा रहता है. वहीं अगर कुंडली का चंद्रमा दूषित है या जातक चंद्र दोष से प्रभावित है तो अनेक प्रकार की मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जानते हैं कि चंद्र दोष का क्या प्रभाव होता है और उसके उपाय कौन-कौन से हैं.
चंद्र दोष के लक्षण क्या हैं | Symptoms of Chandra Dosha
कुंडली का चंद्रमा कमजोर होने पर सबसे पहले व्यक्ति की मानसिक स्थिति प्रभावित होती है. इसके साथ ही इंसान के स्वभाव और व्यवहार में परिवर्तन होने लगता है. जातक छोटी-मोठी बातों से भी परिशान होने लगता है. भावुकता का लक्षण नजर आने लगता है. निर्णिय लेने की क्षमता प्रभावित होती है. अगर सेहत की बात करें तो चंद्रमा से प्रभावित जातक के सर्दी, जुकाम बराबर परेशान करता है. इसके साथ ही ब्लड प्रेशर से जुड़ी परेशानियां शुरू हो जाती हैं. इसके अलावा स्मरण शक्ति भी प्रभावित होती है.
चंद्र दोष के उपाय | Chandra Dosha Upay
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार रोजाना भगवान शिव को जल अर्पित करने से धीरे-धीरे चंद्र दोष दूर होने लगता है. इसके साथ ही सोमवार के दिन व्रत रखने और शिव जी की विधिवत पूजा-अर्चना करने से चंद्र ग्रह का शुभ फल प्राप्त होता है.
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चंद्रमा को मजबूत करने के लिए किसी अच्छे ज्योतिषी की सलाह लेकर चांदी में मोती जड़वाकर सबसे छोटी उगली में धारण करना चाहिए. माना जाता है कि इससे चंद्र दोष दूर हो जाता है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जल से चंद्रमा का खास संबंध है. ऐसे में कभी भी जल की बर्बादी नहीं करना चाहिए. घर में अगर कहीं भी नल खराब हो और उससे पानी टपकता हो तो ऐसे में उसे तुरंत ठीक करवाना चाहिए.
चंद्र दोष से हो सकती हैं ये गंभीर बीमारियां
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में चंद्र दोष है तो उसे दिल संबंधित बीमारियां, फेफड़े से जुड़ी बीमारियां, अवसाद, तनाव, बैचेनी और मिर्गी रोग जैसी गंभीर बीमीरियों का खतरा बना रहता है. ऐसे में समय रहते चंद्र दोष से जुड़े उचित उपाय करने चाहिए.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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