जानिये क्यों भगवान विष्णु को कहते हैं श्री हरि, आखिर क्यों गुरुवार के दिन की जाती उनकी पूजा

हिंदू धर्म शास्त्र के अनुसार, गुरुवार को भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करने से जीवन के सभी संकटों से छुटकारा मिलता है. गुरुवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित है. वहीं हर दिन किसी न किसी भगवान को समर्पित होने के पीछे भी एक कथा है.

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जानें गुरुवार के दिन ही क्यों की जाती है विष्णु जी की पूजा
नई दिल्ली:

भगवान विष्णु की साधना-आराधना आप कभी भी कर सकते हैं, लेकिन उन्हें शीघ्र प्रसन्न करने के लिए गुरुवार का दिन अत्यंत ही शुभ माना जाता है. सनातन संस्कृति में भगवान विष्णु को जगत का पालक बताया गया है. वैसे तो भगवान विष्णु के तमाम अवतारों की चर्चा होती रही है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि क्षीर सागर में विराजमान रहने वाले भगवान विष्णु की उचित विधि से पूजा करने से लोगों को अक्षय फल की प्राप्ति होती है. भगवान विष्णु को श्री हरि (Bhagwan Vishnu Called Shri Hari) कहकर भी पुकारा जाता है, लेकिन क्या आप इसके पीछे का कारण जानते हैं. साथ ही आज आपको बताते है कि भगवान विष्णु को श्री हरि क्यों कहा जाता है और आखिर क्यों गुरुवार के दिन ही श्री हरि की पूजा की जाती है.

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पढ़ें भगवान विष्णु को क्यों कहते हैं श्री हरि

ग्रंथों के मुताबिक, गुरुवार को श्री हरि को सत्यनारायण भगवान के रूप में पूजा जाता है. उनकी पूजा के अवसरों पर विष्णु मंत्र का जाप किया जाना अति शुभ फलदायी माना गया है. कहा गया है 'हरि हरति पापानि' यानी भगवान हरि भक्तों के जीवन के सभी पाप हर लेते हैं. हरि का अर्थ होता है हर लेने वाला या दूर करने वाला. भगवान विष्णु को शास्त्रों में कहा गया है कि, जो भी भक्त उनकी साफ दिल से उपासना करेगा, उसे जीवन के सभी पापों से मुक्ति मिल जाएगी. यहीं नहीं भगवान विष्णु अगर अपने भक्त की भक्ति से प्रसन्न हो जाये तो बड़े से बड़ा संकट भी हर लेते हैं, इसलिए भक्त उन्हें हरि या श्री हरि के नाम से पुकारते हैं. भगवान विष्णु जगत के पालनहार भी कहलाते हैं.

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गुरुवार के दिन की जाती है भगवान विष्णु की पूजा

मान्यता के अनुसार, पक्षियों में सबसे विशाल पक्षी गरुड़ भगवान विष्णु जी का वाहन है. माना जाता है कि गरुड़ ने अपनी कठिन तपस्या से भगवान विष्णु को प्रसन्न किया था, जिससे प्रसन्न होकर उन्होंने गरुड़ को अपने वाहन के रूप में स्वीकार कर लिया था. मान्यता है कि गुरु का अर्थ होता है भारी. वहीं, गरुड़ भी पक्षियों में सभी में भारी होता है. गरुड़ की सफल तपस्या के कारण ही गुरुवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित है, ऐसा मााना जाता है. वहीं ये भी कहा जाता है कि गुरु बृहस्पति भगवान विष्णु का ही स्वरूप होने के कारण गुरुवार के दिन श्री हरि की पूजा की जाती है.

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मान्यता: भगवान श्री हरि विष्णु के इन मंत्रों के जाप से गुरुवार को हो सकता है महालाभ

भगवान विष्णु के इन मंत्रों का करें जाप

ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान।

यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्‍टं च लभ्यते।।

ॐ नमो नारायण। श्री मन नारायण नारायण हरि हरि।।

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय

ॐ अं वासुदेवाय नम:

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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