इस बार सावन की शिवरात्रि पर पूजा के हैं कई शुभ मुहूर्त, इस तरह करें भोलेनाथ की पूजा

शिवरात्रि पर प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा की जाती है. कई जगह भोले के भक्त शिवरात्रि पर पांच पहर की शिव पूजा भी करते हैं.

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साथ ही जानेंगे कि व्रत का पारण किस समय किया जाएगा.

Sawan Shivratri 2024 : भगवान शिव (lord shiva) को समर्पित सावन का पवित्र महीना चल रहा है और सावन माह की शिवरात्रि (sawan shivratri)पर कांवड़िए गंगाजल लेकर शिवलिंग के जलाभिषेक करते हैं.  हर साल सावन की शिवरात्रि कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन मनाई जाती है. इस बार सावन की शिवरात्रि 2 अगस्त को देश भर में मनाई जाएगी. शिवरात्रि पर लाखों शिवभक्त कांवड़ में गंगाजल लाकर शिवलिंग का जलाभिषेक करते हैं. मान्यता है कि शिवरात्रि पर प्रदोष (Pradosh) काल में भगवान शिव की पूजा की जाती है. कई जगह भोले के भक्त शिवरात्रि पर पांच पहर की शिव पूजा भी करते हैं. चलिए जानते हैं कि इस बार शिवरात्रि पर पूजा के कौन कौन से मुहूर्त हैं. साथ ही जानेंगे कि व्रत का पारण किस समय किया जाएगा.

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शिवरात्रि पर बन रहा है ये खास मुहूर्त , इस तरह करें पूजा  | Shivratri puja time


ज्योतिषियों के अनुसार इस बार शिवरात्रि पर पूजा के पांच उच्च योग बन रहे हैं. इस साल शिवरात्रि के दिन हर्षण योग बन रहा है. कहा जाता है कि हर्षण योग में भगवान शिव के रुद्राभिषेक का दुगना फल प्राप्त होता है. शिवरात्रि की पूजा के लिए सुबह सबसे पहले स्नान करके पवित्र हो जाएं. इसके बाद भगवान गणेश का ध्यान करें और पूजा का संकल्प लें. अब मिट्टी से शिवलिंग बनाएं. अगर आपके घर में शिवलिंग हैं तो उसकी पूजा कर सकते हैं. अब गंगाजल से शिवलिंग का जलाभिषेक करें. आप गंगाजल में दूध, घी, गन्ने का रस, दही, शहद आदि मिला सकते हैं. इसके बाद भगवान शिव और मां  पार्वती को फूल, शमी के फल, धतूरा, सफेद चंदन और अक्षत अर्पित करें. अब भगवान को मिष्ठान अर्पित करें. इसके बाद भगवान शिव और मां पार्वती की आरती करें. अब शिव चालीसा का पाठ करें.

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शिव पूजा के लिए शुभ मुहूर्त  | Shubh muhurat of lord shiva


शिवरात्रि पर शिवजी की पांच पहर में पूजा की जाती है. इस दिन प्रदोष काल यानी सायंकाल की पूजा का खास महत्व है. रात्रि की प्रथम पहर की पूजा का समय रात को सात बजकर 11 मिनट से है और ये 9 बजकर 49 मिनट तक चलेगा. इसके बाद रात्रि की दूसरे पहर की पूजा का शुभ मुहूर्त रात 9 बजकर 49 मिनट से रात  12 बजकर 27 मिनट तक है. तीसरे पहर की पूजा  रात 12 बजकर 27 मिनट से तीन बजकर 6 मिनट तक होगी. इसके बाद चतुर्दशी तिथि प्रारंभ हो जाएगी. तीन अगस्त को सुबह 5 बजकर 44 मिनट पर व्रत करने वाले भक्त अपने व्रत का पारण कर सकते हैं. पारण का समय दोपहर को तीन बजकर 49 मिनट तक रहेगा. इसके बाद निशिता काल की पूजा का समय सुबह 12:06 दोपहर 12:49 बजे तक है. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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