सोमवार के दिन यूं करें भगवान शिव उपासना, इस विधि से करें भोलेनाथ की पूजा

हिंदू धर्म ग्रंथों में कहा गया है कि काल भी महाकाल भगवान शिव की पूजा करने वाले का कुछ भी नहीं बिगाड़ पाता. मान्यता है कि देवों के देव महादेव का पूजन विधि-विधान से किया जाए तो व्यक्ति को शुभ फल की प्राप्ति होती है. आइए जानते हैं सोमवार के दिन भगवान शिव शंकर की पूजा का सही तरीका और नियम.

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ये है भगवान शिव शंकर की पूजा का सही तरीका और नियम
नई दिल्ली:

सोमवार भगवान शिव की पूजा के लिए सबसे पावन दिन माना जाता है. कहते हैं कि भगवान भोलेनाथ बेहद दयालु और कृपालु है. वे मात्र शिवलिंग पर जल अर्पित करने से ही प्रसन्न हो जाते हैं. हिंदू धर्म ग्रंथों में कहा गया है कि काल भी महाकाल भगवान शिव की पूजा करने वाले का कुछ भी नहीं बिगाड़ पाता. मान्यता के अनुसार, भगवान शिव की पूजा (Puja of lord shiv) करने से व्यक्ति को जीवन में हर वह सुख मिलता है, जिसकी वह कामना करता है. मान्यता है कि भगवान शिव भक्तों से प्रसन्न होकर उनकी अपनी कृपा बरसाते हैं और उन्हें मालामाल कर देते हैं.

मान्यता है कि देवों के देव महादेव का पूजन विधि-विधान से किया जाए तो व्यक्ति को शुभ फल की प्राप्ति होती है. भगवान शिव की पूजा के कुछ नियम हैं, जिनके बारे में शिव भक्तों को जानकारी होनी चाहिए. आइए जानते हैं सोमवार के दिन महादेव की पूजा की सही विधि. इसके साथ ही जानेंगे कि पूजा के समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.

सोमवार के दिन इस विधि से करें महादेव की पूजा

सोमवार के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नित्यकर्मों को पूरा कर स्नानादि कर निवृत्त हो जाएं.

पूजा स्थल पर बैठकर चौकी पर भगवान शिव और पार्वती का चित्र स्थापित कर पवित्रीकरण करें. 

भगवान शिव का जल से अभिषेक करें.

पूजा में शिव जी को बिल्व पत्र, धतूरा, भांग, आलू, चंदन, चावल अर्पित करें.

भगवान शिव के साथ माता पार्वती और नंदी को गंगाजल और दूध चढ़ाएं.

शिवलिंग पर धतूरा, भांग, आलू, चंदन, चावल अर्पित करें.

सभी को तिलक लगाएं और फिर धूप, दीप जलाएं.

भगवान शिव शंकर को घी, शक्कर या प्रसाद का भोग लगाएं.

महामृत्युंजय मंत्र और ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जाप करें.

संभव हो तो इस दिन व्रत जरूर रखें.

शाम को पूजा करने के बाद कर व्रत खोलें. आप चाहें तो यह पूरा व्रत फलाहार ही कर सकते हैं.

सबसे पहले गणेश जी की आरती करें और फिर शिवजी की आरती करें

इस दिन दान करने से भी शिव जी प्रसन्न होते हैं.

पूजा करते समय इन बातों का रखें विशेष ध्‍यान

सोमवार के दिन भगवान शिव के साथ-साथ मां पार्वती और नंदी को भी गंगाजल चढ़ाना चाहिए. संभव हो तो गाय के कच्‍चे दूध से अभिषेक करें. इस दौरान ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जाप करें.

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पंचामृत से अभिषेक करने के बाद भोलेनाथ को चंदन, अक्षत, बिल्व पत्र, धतूरा या आंकड़े के फूल जरूर चढ़ाने चाहिए. कहते हैं कि ऐसा करने से भगवान शिव प्रसन्‍न हो जाते हैं.

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इस बात का खास ख्याल रखें कि भगवान शिव शंकर को कभी भी हल्‍दी, कुमकुम, तुलसी दल, नारियल, लाल फूल न चढ़ाएं.

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भगवान भोलेनाथ के पूजन के समय कभी भी शंख नहीं बजाना चाहिए.

देवों के देव महादेव को सोमवार के दिन गेंहू के आटे को घी में सेंककर और फिर उसमें शक्‍कर मिलाकर बनाया गया प्रसाद चढ़ाना चाहिए.

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मान्यता है कि सोमवार के दिन महामृत्युंजय मंत्र का 108 बार जाप करने से भगवान शिव की विशेष कृपा मिलती है.

महामृत्युंजय मंत्र का करें जाप

हिंदू धर्म शास्त्रों के मुताबिक, सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा के साथ महामृत्युंजय मंत्र का जाप बेहद शुभकारी माना जाता है.

सोमवार को महामृत्युंजय मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करना चाहिए.

महामृत्युंजय मंत्र का जाप मन को शांति प्रदान करता है और सुख-समृद्धि में वृद्धि करता है.

ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जाप भी विशेष फलदायी माना गया है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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