Kundali 2024 : कुंडली का 9वां भाव गुरु यानी बृहस्पति ग्रह से काफी प्रभावित होता है. बृहस्पति के प्रभाव से व्यक्ति धार्मिक स्वभाव का होता है और उसमें दान-पुण्य आदि की प्रवृत्ति भी देखने को मिलती है. गुरु के प्रभाव से व्यक्ति का नाम होता है और वह प्रसिद्ध होता है. कुंडली का नौवां भाव पूजा-पाठ, ज्ञान और विश्वास का माना जाता है. आपके पहले के कर्मों के आधार पर बताता है कि आपका भाग्य कैसा होगा और वर्तमान जीवन कैसा होगा. इसे धर्म या पितृ भाव भी माना जाता है. यह अच्छे कर्म का भी प्रतिनिधित्व करता है. इस भाव में अगर शुभ ग्रह हों, तो उसका आपके जीवन पर अहम प्रभाव देखने को मिलता है. कुंडली में बुध, चंद्रमा, गुरु और शुक्र को शुभ ग्रहों की श्रेणी में रखा गया है. अगर आपकी कुंडली के नौवें भाव में शुभ ग्रह हों, तो आपके जीवन पर इसका क्या प्रभाव हो सकता है, आइए जानते हैं।
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9वें भाव में बुध बनाता है विद्वान
कुंडली के 9वें भाव में बुध के प्रभाव से व्यक्ति आध्यात्मिक प्रवृत्ति का होगा। उसका आध्यात्मिकता की ओर झुकाव होगा और वह शिक्षक आदि हो सकता है. बुध के प्रभाव से व्यक्ति रचनात्मक होगा और ज्ञानी होने के कारण लेखन आदि में रुचि देखने को मिलेगी. 9वें भाव में बुध काफी शुभ फलदायी माना जाता है. ऐसे में इनमें गलत आदतें कम ही देखने को मिलती है. इनकी संगति भी अच्छे लोगों के साथ ही होती है. ऐसे लोगों की शोध कार्यों में भी काफी रुचि होती है और इस कारण ये नई-नई खोज में भी लगे रहते हैं। बुध के प्रभाव से ये काफी बुद्धिमान होंगे और इस कारण ये एक अच्छे वक्ता, लेखक या ज्योतिषी भी हो सकते हैं। इन्हें परिवार के साथ ही समाज में भी खूब मान-सम्मान की प्राप्ति होती है।
चंद्रमा के प्रभाव से मिलता है खूब मान-सम्मान
9वें भाव में चंद्रमा भी व्यक्ति के लिए अच्छा साबित होता है। चंद्रमा के प्रभाव से पढ़ाई में मन लगेगा। व्यक्ति दार्शनिक होगा। चंद्रमा के प्रभाव से व्यक्ति में कल्पनाशीलता भी देखने को मिलेगी और इस कारण उसे सही और गलत में अंतर करने में भी परेशानी हो सकती है। हालांकि व्यक्ति काफी विद्वान और साहसी होगा। अपने जीवन में ये पर्याप्त धन संपत्ति अर्जित करने में सक्षम होंगे। समाज में भी इन्हें खूब मान सम्मान मिलता है। इनकी विदेश यात्राएं भी हो सकती है। इनकी अपने पिता के साथ खूब बनती है और इनके खुद के बच्चे भी इनके प्रति समर्पित होते हैं, जिससे इनका जीवन खुशहाल होता है। ये लोग काफी मददगार होते हैं और जरूरतमंद की मदद के लिए हमेशा आगे रहते हैं।
गुरु के प्रभाव से व्यक्ति होता है सदाचारी
9वें भाव में गुरु का ही शासन है, ऐसे में यह काफी शुभ माना जाता है। गुरु अगर इस भाव में बेहतर स्थिति में हों, तो व्यक्ति को हर सुख-सुविधा मिलता है. व्यक्ति में नैतिकता देखने को मिलेगा साथ ही सिद्धांत भी उच्च स्तर के होंगे. बृहस्पति के प्रभाव से व्यक्ति विद्वान होगा. 9वें भाव में गुरु के प्रभाव से व्यक्ति धार्मिक होगा साथ ही वह सच बोलने वाला भी होगा. व्यक्ति में धार्मिक प्रवृत्ति देखने को मिलेगी. ऐसे लोग शांत और सदाचारी भी होते हैं. ये लोग भगवान में विश्वास रखने वाले होते हैं और पिता के प्रति भी इनमें काफी लगाव देखने को मिलता है. इन्हें मकान का सुख भी मिलता है. कार्यक्षेत्र में उच्च पद भी मिलता है. इनकी लेखन, कानूनी काम आदि में भी रूचि होती है.
शुक्र के प्रभाव से व्यक्ति होता है दयालु और संतोषी
9वें भाव में शुक्र भी अच्छा माना जाता है. शुक्र के प्रभाव से व्यक्ति की कला और संगीत आदि में रूचि देखने को मिल सकती है. उसमें विदेशी संस्कृति के प्रति भी आकर्षण देखने को मिलेगी. इस भाव में शुक्र के प्रभाव से व्यक्ति शारीरिक रूप से मजबूत होता है. इनमें भी धार्मिक प्रवृत्ति होती है और वे परोपकारी और ईश्वर में आस्था रखने वाले होते हैं. शुक्र के प्रभाव से व्यक्ति तीर्थ यात्रा पर जा सकता है. उसे गुरुजन, भगवान और अतिथियों की सेवा करने में खुशी मिलती है. स्वभाव से भी ये लोग दयालु और संतोषी होते हैं. शुक्र के प्रभाव से इनके पास अपनी मेहनत से धन भी आता है और आर्थिक रूप से भी ये संपन्न हो सकते है. ऐसे लोगों को हर तरह के भौतिक सुख की प्राप्ति होती है. शुक्र के प्रभाव से व्यक्ति एक अभिनेता हो सकता है और उसकी गायन आदि में भी रुचि हो सकती है.
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