Karwa Chauth Vrat 2025 Rules in Hindi: सनातन परंपरा में करवा चौथ सुहागिनों का पवित्र व्रत माना जाता है, जिसे महिलाएं अपने सुहाग की लंबी आयु और सुख-सौभाग्य की कामना लिए रखती हैं. यह व्रत हर साल कार्तिक मास (Kartik Month) के कृष्णपक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है, जिसमें महिलाएं सुबह लेकर रात तक निर्जल व्रत करती हैं और उनका यह व्रत रात को चंद्रमा (Chandrama) निकलने के बाद उसके दर्शन और पूजन के बाद जाकर पूरा होता है. सुखी दांपत्य जीवन की कामना को पूरा करने के लिए करवा चौथ व्रत (Karwa Chauth Vrat Rules) के किन नियमों का पालन करना जरूरी माना गया है आइए आइए इसे जानी-मानी ज्योतिषाचार्य डॉ. नीति शर्मा द्वारा जानते हैं.
पहली बार करवा चौथ का व्रत कर रही हैं? तो जान लें ये 7 मुख्य नियम
1. संकल्प और श्रद्धा के साथ व्रत करें
व्रत से पहले सुबह स्नान के बाद देवी पार्वती और भगवान शिव का ध्यान कर व्रत का संकल्प लें – “मैं अपने पति की दीर्घायु और वैवाहिक सुख के लिए करवा चौथ व्रत कर रही हूँ.”
2. सूर्योदय से पहले सरगी ग्रहण करें
सास द्वारा दी गई सरगी को सूर्योदय से पहले खाएं. दिनभर निर्जला उपवास रखना इस व्रत का मुख्य नियम है.
3. श्रृंगार और सुहाग सामग्री का ध्यान रखें
लाल या गुलाबी रंग के वस्त्र पहनें. सोलह श्रृंगार करें और मांग में सिंदूर अवश्य लगाएं. यह सौभाग्य और लंबी आयु का प्रतीक है.
4. करवा माता और गणेश जी की पूजा
शाम को पूजा थाली में करवा, दीपक, चूड़ियाँ, मेहंदी, फल और मिठाई रखें. करवा चौथ कथा सुनें और माता पार्वती को प्रणाम करें.
5. चंद्रमा को अर्घ्य देकर जल ग्रहण करें
जब चंद्रमा उदय हो जाए, छलनी से चाँद को देखें, फिर पति को देखें और अर्घ्य अर्पित कर उनसे जल ग्रहण करें.
6. पति से आशीर्वाद लें
जल ग्रहण के बाद पति से आशीर्वाद लेना शुभ होता है. इससे वैवाहिक जीवन में मधुरता बढ़ती है.
7. मन, वचन और कर्म की पवित्रता बनाए रखें
व्रत के दिन किसी से कटु वचन न कहें, मन को शांत रखें और सात्विक आचरण करें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)