Karwa Chauth 2024: करवा चौथ पूजा के लिए केवल 1 घंटे 16 मिनट ही रहेगा शुभ मुहूर्त, जानें किस समय कर सकते हैं पूजा

20 अक्टूबर 2024, रविवार को करवा चौथ का व्रत किया जाएगा, लेकिन पूजा के लिए केवल 1 घंटे 16 मिनट ही शुभ मुहूर्त है. आइए आपको बताते हैं कि किस समय आप अपनी पूजा संपन्न कर सकते हैं, ताकि इसका फल दुगना मिलें.

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हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का व्रत किया जाता है.

Karwa chauth 2024: हिंदू धर्म में शुभ मुहूर्त का विशेष महत्व होता है, किसी भी कार्य को अगर शुभ मुहूर्त में किया जाए तो उसके कई गुना फल मिलते हैं. ठीक इसी तरह से करवा चौथ का व्रत जिसे सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं और सुबह से लेकर रात तक निर्जला व्रत (Vrat) करती हैं, उसमें शुभ मुहूर्त का ध्यान देना बहुत ही विशेष होता है. कहते हैं कि शुभ मुहूर्त में अगर पूजा अर्चना की जाए तो इससे करवा माता (Karwa Mata) अखंड सौभाग्य का वर देती हैं. तो इस बार 20 अक्टूबर 2024, रविवार के दिन करवा चौथ का जब व्रत किया जाएगा तो शुभ मुहूर्त (Shubh muhurt) कब रहेगा और किस समय आपको पूजा अर्चना करनी चाहिए आइए हम आपको बताएं. 

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करवा चौथ 2024 शुभ मुहूर्त 

हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का व्रत किया जाता है, जो इस बार रविवार, 20 अक्टूबर को मनाया जाएगा. लेकिन पूजा के लिए उत्तम समय 1 घंटे 16 मिनट तक है. सुहागिन महिलाएं सूर्योदय के साथ ही व्रत की शुरुआत कर सकती हैं, सूर्योदय का समय 6:25 है. इस बार महिलाएं को 13 घंटे 29 मिनट तक ये व्रत करना होगा. पूजा का समय शाम को 5:40 से लेकर 7:02 तक रहेगा, इस समय सुहागिन महिलाएं पूजा संपन्न कर सकती हैं. कहा जा रहा है कि इस समय पूजा करने से कई गुना ज्यादा फल मिलता है. इसके बाद चांद निकलने का समय 7:54 का बताया जा रहा है, इस समय चंद्रमा को अर्घ्य दिया जा सकता है. उसके बाद पति के हाथों से व्रत का पारण महिलाएं कर सकती हैं. 

पूजा से पहले तैयार करें थाली 

करवा चौथ की पूजा का शुभ मुहूर्त केवल 1 घंटे 16 मिनट है. ऐसे में आप पूजा की तैयारी पहले से ही कर लें. पूजा की थाली में छलनी, आटे का दीया, फल, ड्राई फ्रूट्स, मिठाई, दो पानी के लोटे जरूर रखें. एक लोटे से चंद्रमा को अर्घ्य दें और दूसरे लोटे से व्रत का पारण करें. याद रखें कि पूजा की थाली में माचिस ना रखें. शाम के समय पूजा करने के दौरान लाल रंग के वस्त्र पहनें, सबसे पहले गणेश जी की पूजा करें, फिर इसके बाद भगवान शिव मां पार्वती की पूजा अर्चना करें. फूल चढ़ाएं, भोग लगाएं और करवा चौथ व्रत की कथा सुनने के बाद आरती करें.

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