Kartik Maas 2024: कब से शुरु होगा कार्तिक मास, जानें इसका महत्व और जरूरी नियम 

Kartik Month 2025: हिंदू धर्म में कार्तिक मास का क्या महत्व है? इस मास में किस देवी या देवता की पूजा करने पर साधक को अनंत सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है? स्नान, ध्यान और दीपदान से जुड़े इस पावन पर्व का धार्मिक महत्व और पुण्य दिलाने वाले नियमों के बारे में जानने के लिए पढ़ें ये लेख.

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Kartik Maas 2025: कार्तिक मास में स्नान और दीपदान का महत्व
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Kartik Month 2025 Start To End Date: सनातन परंपरा में कार्तिक मास का बहुत ज्यादा महत्व माना गया है. हिंदू मान्यता के अनुसार जिस प्रकार सतयुग, वेद, गंगाजी का कोई विकल्प नहीं है, उसी प्रकार कार्तिक मास का भी कोई विकल्प नहीं है. पंचांग के अनुसार इस साल पवित्र कार्तिक महीने की शुरुआत 8 अक्टूबर 2025 से होगी और यह 5 नवंबर 2025 को जाकर पूर्ण होगा. धर्मशास्त्र में पावन मास कार्तिक मास की महिमा के बारे में विस्तार से बताया गया है.

मान्यता है कि कार्तिक मास में विधि-विधान से नियम-संयम का पालन करने वाले व्यक्ति पर भगवान श्री विष्णु और उनके पूर्णावतार माने जाने वाले श्रीकृष्ण की विशेष कृपा बरसती है. यही कारण है कि कार्तिक मास में वृंदावन में कान्हा के भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है. आइए कार्तिक मास का महत्व और इससे जुड़े नियम के बारे में विस्तार से जानते हैं. 

कार्तिक मास के नियम 

  • हिंदू मान्यता के अनुसार पावन कार्तिक मास में भगवान श्री विष्णु जल में वास करते हैं. ऐसे में किसी पवित्र नदी जैसे गंगा, यमुना आदि में स्नान-दान करने से व्यक्ति को सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है. यदि आप किसी जलक्षेत्र में जाकर स्नान न कर सकें तो घर में ही नहाने के पानी में गंगाजल डालकर स्नान करें. 
  • कार्तिक मास में तमाम तरह की चीजों का दान करने के साथ दीपदान की बहुत ज्यादा महत्ता मानी गई है, इसलिए इस माह में व्यक्ति को पुण्यफल को पाने के लिए प्र​तिदिन देवस्थान यानि मंदिर और हरिप्रिया कही जाने वाली तुलसी के पास सुबह शाम शुद्ध देशी घी का दीया जरूर जलाना चाहिए. 
  • कार्तिक मास में तुलसी जी की पूजा करने के साथ उनकी परिक्रमा भी करनी चाहिए. 
  • भगवान श्री कृष्ण की पूजा के लिए कार्तिक मास अत्यंत ही शुभ माना गया है. ऐसे में पूर्णावतार श्री कृष्ण का आशीर्वाद पाने के लिए इस मास में प्रतिदिन गीता का पाठ करना चाहिए. 
  • कार्तिक मास में भगवान श्री कृष्ण के दामोदर स्वरूप की पूजा और दामोदर अष्टकम् का पाठ करना बेहद शुभ और पुण्यदायी माना गया है. गौरतलब है कि दामोदर भगवान श्री कृष्ण का ही एक नाम है, जिसका अर्थ होता है जिसके पेट पर रस्सी बंधी हुई हो. गौरतल है कि कान्हा की शरारतों से तंग होकर माता यशोदा ने उन्हें ओखल से बांध दिया. 

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  • कार्तिक मास में भगवान श्री कृष्ण या फिर भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए प्रतिदिन उनके मंत्र का अधिक से अधिक जप करना चाहिए. 
  • कार्तिक मास में भगवान श्री विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की पूजा भी अत्यंत ही शुभ और फलदायी मानी गई है. ऐसे में माता लक्ष्मी का आशीर्वाद पाने के लिए कार्तिक मास में श्रीसूक्त, कनकधारा स्तोत्र, लक्ष्मी स्तोत्र और श्री विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना चाहिए. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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