Kaal Bhairav Aarti lyrics in Hindi: हिंदू मान्यता के अनुसार भगवान शिव के पांचवें रुद्रावतार माने जाने वाले भगवान भैरव का प्राकट्य मार्गशीर्ष यानि अगहन महीने के कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि पर हुआ था. हिंदू देवताओं में भगवान भैरव की पूजा साधक को सभी प्रकार के भय और शत्रुओं आदि से मुक्ति दिलाने वाली मानी गई है. यही कारण है कि इस पावन पर्व पर लोग बड़ी संख्या में भैरव जी के मंदिर पर पहुंचकर विधि विधान से पूजा करते हैं. काल भैरव जयंती के दिन भगवान भैरव की पूजा करने से साधक का बड़े से बड़ा संकट दूर हो जाता है और उसके सभी कार्य सिद्ध होते हैं.
हिंदू मान्यता के अनुसार भगवान काल भैरव कलयुग के सभी कष्टों को काटने वाले हैं, लेकिन ध्यान रहे कि काल भैरव जयंती के दिन की जाने वाली आपकी पूजा तब तक अधूरी रहती है, जब तक आप उसके अंत में आरती नहीं करते हैं. हिंदू मान्यता के अनुसार यह आरती आपकी पूजा की सभी कमियों को दूर करते हुए उसे पूर्ण बनाती है. आइए भगवान भैरव की महिमा का गान करने वाली और उनकी कृपा बरसाने वाली आरती पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ गाते हैं.
भगवान श्री कालभैरव की आरती | Shri Kaal Bhairav Ki Aarti lyrics
जय भैरव देवा, प्रभु जय भैरव देवा.
जय काली और गौरा देवी कृत सेवा.
जय भैरव देवा...
तुम्हीं पाप उद्धारक दुख सिंधु तारक.
भक्तों के सुख कारक भीषण वपु धारक.
जय भैरव देवा...
वाहन श्वान विराजत कर त्रिशूल धारी.
महिमा अमिट तुम्हारी जय जय भयकारी.
जय भैरव देवा...
तुम बिन देवा सेवा सफल नहीं होंवे.
चौमुख दीपक दर्शन दुख सगरे खोंवे.
जय भैरव देवा...
तेल चटकि दधि मिश्रित भाषावलि तेरी.
कृपा करिए भैरव करिए नहीं देरी.
जय भैरव देवा...
Kaal Bhairav Jayanti 2025: भगवान भैरव की पूजा का महाउपाय, जिसे करते ही दूर होता है बड़े से बड़ा भय
पांव घुंघरू बाजत अरु डमरू डमकावत.
बटुकनाथ बन बालक जन मन हर्षावत.
जय भैरव देवा...
बटुकनाथ जी की आरती जो कोई नर गावें.
कहें धरणीधर नर मनवांछित फल पावें.
जय भैरव देवा...
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)














