Dussehra 2023 Date: बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के तौर पर हर साल दशहरा का पर्व पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है. इस साल विजयादशमी (vijayadashami 2023) का त्योहार 24 अक्टूबर, मंगलवार को मनाया जाएगा. आपको बता दे की पंचांग के अनुसार हर साल विजयादशमी का त्योहार आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है. पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीश व्यास ने बताया कि इस दशहरा पर दो बेहद शुभ योग बन रहे हैं. दशहरा के दिन नीलकंठ पक्षी को देखना बहुत शुभ माना जाता है. यदि पूरे दिन कभी नीलकंठ पक्षी दिख जाए तो घर में सुख, संपत्ति आती है और बिगड़े काम बन जाते हैं. इस दिन सोना, आभूषण और नए वस्त्र खरीदना भी शुभ होता है. साथ ही शमी के पेड़ की पूजा भी की जाती है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था और इसलिए शारदीय नवरात्रि (shardiya navratri 2023) की दशमी तिथि को यह उत्सव मनाया जाता है. मान्यता है कि दशहरा के दिन भगवान राम ने रावण का वध कर युद्ध में जीत हासिल की थी और अधर्म पर धर्म की जीत के रूप में भी इस त्योहार को मनाया जाता है.
क्या है दशहरा तिथि
भविष्यवक्ता और कुंडली विश्लेषक डॉ. अनीश व्यास ने कहा कि हिंदू पंचांग के अनुसार दशमी तिथि की शुरुआत 23 अक्टूबर, सोमवार को शाम 5 बजकर 44 मिनट पर होगी और 24 अक्टूबर, मंगलवार को दोपहर3 बजकर 14 मिनट पर इसका समापन होगा. और उदया तिथि के अनुसार 24 अक्टूबर, मंगलवार को दशहरा का पावन त्योहार मनाया जाएगा.
बन रहे हैं ये दो शुभ योग
रवि योगभविष्यवक्ता डॉ अनीश व्यास के अनुसार 24 अक्टूबर, मंगलवार यानी दशहरे के दिन रवि योग बन रहा है. रवि योग सुबह 6 बजकर 27 मिनट से शुरू होकर दोपहर 3 बजकर 30 मिनट तक रहेगा और उसी दिन यानी 24 अक्टूबर को ही शाम 6 बजकर 38 मिनट से फिर से शुरू होकर 25 अक्टूबर, बुधवार को सुबह 6 बजकर 28 मिनट तक रहेगा.
वहीं उन्होंने बताया कि 24 अक्टूबर को वृद्धि योग भी बन रहा है. इसकी शुरूआत दोपहर 3 बजकर 40 मिनट से होगी और ये 24 अक्टूबर की पूरी रात तक बना रहेगा.
कुण्डली विश्ल़ेषक डा.अनीष व्यास ने बताया कि दशहरा के दिन कई जगहों पर शस्त्र पूजा करने का भी विधान है. दशहरा के दिन शस्त्र पूजा विजय मुहूर्त में की जाती है. ऐसे में दशहरे के दिन यानी 24 अक्टूबर को शस्त्र पूजा का शुभ समय दोपहर 01:58 मिनट से दोपहर 02:43 मिनट तक रहेगा.
ज्योतिषी डॉ. अनीश व्यास ने बताया कि दशहरा के दिन लंकापति रावण और उनके भाइयों के पुतलों का दहन किया जाता है. सही समय पर पुतलों का दहन करना शुभ माना जाता है. ऐसे में रावण दहन का शुभ मुहूर्त 24 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 43 मिनट से लेकर ढाई घंटे तक रहेगा.
कुंडली विश्लेषक डॉ. अनीश व्यास ने बताया कि विजयादशमी सर्वसिद्धिदायक तिथि मानी जाती है, यानी इस दिन मांगलिक कार्यों को करना शुभ माना जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बच्चों का अक्षर लेखन, घर या दुकान का निर्माण, नामकरण भूमि पूजन, कर्ण छेदन ऐसे शुभ कार्य आप इस दिन कर सकते हैं. विवाह संस्कार को विजयादशमी के दिन निषेध माना गया है.
क्या है पूजा की विधिज्योतिषाचार्य डॉक्टर अनीश व्यास के अनुसार सुबह जल्दी उठकर साफ सुथरे कपड़े पहनकर गेहूं या चूने से दशहरे की प्रतिमा बनाएं. गाय के गोबर से 9 गोले व 2 कटोरियां बनाकर, एक कटोरी में सिक्के और दूसरी कटोरी में रोली, चावल, जौ व फल रखें. अब प्रतिमा को केले, जौ, गुड़ और मूली अर्पित करें. यदि बहीखातों या शस्त्रों की पूजा कर रहे हैं तो उन पर भी ये सामग्री जरूर अर्पित करें. इसके बाद अपने सामर्थ्य के अनुसार दान-दक्षिणा करें और गरीबों को भोजन कराएं. रावण दहन के बाद शमी वृक्ष की पत्ती अपने परिजनों को दें. अंत में अपने बड़े-बुजुर्गों के पैर छूकर उनसे आशीर्वाद प्राप्त करें.
(प्रस्तुति - रौशनी सिंह)
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)