Jaya Parvati Vrat 2024 : आज है जया पार्वती व्रत, जानें इसका महत्व, पूजा विधि और मंत्र

मां पार्वती को प्रसन्न करने के लिए अगर आप व्रत करना चाहती हैं, तो जया पार्वती व्रत जरूर करें. इससे मां पार्वती अखंड सौभाग्य का वरदान देती हैं और अविवाहित कन्याएं भी अच्छे वर के लिए यह व्रत कर सकती हैं.

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जया पार्वती व्रत के दिन सूर्योदय से पहले उठकर सबसे पहले स्नान करें.

Jaya Parvati Vrat 2024 : धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां पार्वती (Goddess Parvati) ने कठोर तपस्या करने के बाद भगवान शिव (Lord Shiva) को अपने पति के रूप में पाया था. ऐसे में अगर आप भी भगवान शिव की तरह वर चाहती हैं या अपने पति की लंबी उम्र चाहती हैं, तो आपको मां पार्वती को समर्पित ये जया पार्वती व्रत जरूर करना चाहिए. जिसे गौरी व्रत या विजया व्रत (Vijaya vrat) के नाम से भी जाना जाता है. वैसे ये त्योहार खासकर गुजरात में मनाया जाता है, जिसमें विवाहित महिलाएं और कन्याएं व्रत करती हैं और मां पार्वती और भगवान शिव की पूजा अर्चना करती हैं. ऐसे में अगर आप भी ये व्रत करना चाहती हैं, तो हम आपको बताते हैं जया पार्वती व्रत की तारीख, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त.

5 दिन किया जाता है जया पार्वती का व्रत

जया पार्वती का व्रत हिंदू धर्म में सबसे कठिन व्रत में से एक माना जाता है, जिसमें एक-दो दिन नहीं लगातार 5 दिनों तक व्रत किया जाता है. ये व्रत हर साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि से शुरू होता है और 5 दिनों तक चलता है, इस बार यह 19 जुलाई 2024 से शुरू होगा, जो 24 को समाप्त होगा.

जया पार्वती व्रत का महत्व क्या है

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां गौरी को समर्पित जया पार्वती व्रत करने से सुहागिन महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती हैं. इसके अलावा अगर कुंवारी कन्याएं इस दिन बालू या रेत का हाथी बनाकर उस पर पांच तरह के फल, फूल और प्रसाद अर्पित करती हैं, तो इससे मां पार्वती प्रसन्न होती हैं और मन चाहे वर का आशीर्वाद देती हैं. यह व्रत गणगौर, हरतालिका तीज और मंगला गौरी व्रत के समान ही किया जाता है.

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इस तरह करें जया पार्वती व्रत पर पूजा

जया पार्वती व्रत के दिन सूर्योदय से पहले उठकर सबसे पहले स्नान करें, इसके बाद साफ या नए कपड़े पहनें. व्रत का संकल्प लेकर मां पार्वती का ध्यान करें, अपने घर के मंदिर में एक लकड़ी की चौकी रखकर उस पर लाल रंग का वस्त्र बिछाएं. इस चौकी पर मां पार्वती और भगवान शिव की मूर्ति की स्थापना करें. कुमकुम, शतपत्र, कस्तूरी, अष्टगंध और फूलों चढ़ाकर भगवान शिव और पार्वती की पूजा करें, ऋतु फल, नारियल चढ़ाएं. जया पार्वती व्रत की कथा पढ़ें, आरती करने के बाद दोनों हाथ जोड़कर मां पार्वती से अपना मनचाहा वरदान मांगे. अगर आप बालू या रेत के हाथी का निर्माण कर रही हैं, तो रात में जागरण करने के बाद सुबह स्नान करने के बाद उसे किसी नदी या तालाब में विसर्जित कर दें.

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इस तरह करें 5 दिन का व्रत

जैसा कि हमने बताया कि जया पार्वती व्रत को 5 दिनों तक किया जाता है. ऐसे में इस दौरान नमक का सेवन पूरी तरह से वर्जित होता है, इसके अलावा व्रत में गेहूं के आटे और सब्जियों का सेवन भी नहीं करना चाहिए. जया पार्वती व्रत में फल, दूध, दही, जूस या दूध से बनी मिठाइयों का सेवन किया जाता है. व्रत के आखिरी दिन मंदिर में पूजा करने के बाद नमक और गेहूं के आटे से बनी रोटी या पूरी का सेवन करके व्रत का पारण किया जाता है.

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जाय पार्वती व्रत पर करें इन मंत्रों का जाप

ॐ देवी महागौरी नमः।

देहि सौभाग्यमारोग्यं देहि मे परमं सुखम्।

रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि।।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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