कब है जन्माष्टमी, जानिए किस समय मनाया जाएगा बाल गोपाल का जन्मोत्सव, तारीख, मुहूर्त, मंत्र और भोग

हर वर्ष भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि को जन्माष्टमी का उत्सव मनाया जाता है. जन्माष्टमी पर भक्त व्रत रखते हैं मध्य रात्रि में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
इस वर्ष 26 अगस्त यानी जन्माष्टमी के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है.

Janmashtami-2024 Date:  जन्माष्टमी (Janmashtami) का पर्व भगवान श्रीकृष्ण (Lord Krishna) के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है. पुराणों में वर्णन के अनुसार द्वापर युग में भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था. हर वर्ष भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि को जन्माष्टमी का उत्सव मनाया जाता है. जन्माष्टमी पर भक्त व्रत रखते हैं  मध्य रात्रि में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है. आइए जानते हैं इस वर्ष कब है  जन्माष्टमी, जन्माष्टमी का मुहूर्त, मंत्र और भोग (Bhog, muhurat and mantra on Janmashtam) …..

कब है हेरंब संकष्टी चतुर्थी, जानिए क्यों है भाद्रपद में गणेश पूजा का विशेष महत्व

जन्माष्टमी की तिथि

पंचांग के अनुसार इस वर्ष भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि 26 अगस्त को प्रात: 3 बजकर 39 मिनट पर शुरू होकर 27 अगस्त को तड़के 2 बजकर 19 मिनट पर समाप्त होने वाली है. जन्माष्टमी 26 अगस्त सोमवार को मनाई जाएगी. 26 अगस्त सोमवार को जन्माष्टमी के दिन पूजा का मुहूर्त रात 12: बजकर 1 मिनट से 12 बजकर 45 मिनट तक है. यह निशिता मुहूर्त है.

जन्माष्टमी 2024 पूजा मंत्र

जन्माष्टमी पर भगवान श्रीकृष्ण की के लिए इन मंत्रों का उपयोग कर सकते हैं.

1. ओम नमो भगवते वासुदेवाय.

2. ओम कृष्णाय वासुदेवाय गोविंदाय नमो नमः.

सर्वार्थ सिद्धि योग

इस वर्ष 26 अगस्त यानी जन्माष्टमी के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है. यह योग दोपहर में 3 बजकर 55 मिनट से शुरू होगा और  27 अगस्त को सुबह 5 बजकर 57 मिनट तक रहेगा.

जन्माष्टमी का भोग

भगवान श्रीकृष्ण को माखन मिश्री का भोग अत्यंत प्रिय है. जन्माष्टमी वाले दिन बाल गोपाल को माखन-मिश्री का भोग लगाएं. इसके अलावा घेवर, पेड़ा, मखाने की खीर, धनिया की पंजीरी का भी भोग लगा सकते हैं.

जन्माष्टमी का महत्व

जन्माष्टमी को भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव माना जाता है. संतात की कामना करने वाले दंपत्तियों के लिए जन्माष्टमी का व्रत बहुत फलदाई माना गया है. इसके साथ विधि विधान से जन्माष्टमी का व्रत रखने से भक्तों की हर कामना पूरी होती है और भगवान श्रीकृष्ण की असीम कृपा प्राप्त होती है जिससे जीवन में सुख और समृद्धि की वृद्धि होती है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

Advertisement
Featured Video Of The Day
Ajit Doval China Visit: चीन में अजित डोभाल की कई अहम बैठकों का निकला क्या नतीजा | NDTV Duniya
Topics mentioned in this article