Indira Ekadashi Vrat Katha 2022: इंदिरा एकादशी व्रत आज, जरूर करें यह कथा, भगवान विष्णु की मिलती है विशेष कृपा!

Indira Ekadashi 2022: इंदिरा एकादशी का व्रत 21 सितंबर, बुधवार को यानी आज रखा जा रहा है. आइए जानते हैं इंदिरा एकादशी की व्रत कथा के बारे में.

विज्ञापन
Read Time: 16 mins
Indira Ekadashi 2022: इंदिरा एकादशी की यह व्रत कथा खास है.

Indira Ekadashi Vrat Katha: आश्विन मास की इंदिरा एकादशी का व्रत 21 सितंबर को यानी आज रखा जा रहा है. इस दिन पितृ पक्ष की एकादशी श्राद्ध (Ekadashi Shradh) भी है. ऐसे में इस एकादशी का महत्व और भी अधिक बढ़ गया है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत कथा का पाठ करना शुभ माना गया है. इसके अलावा इस दिन गीता के 7वें अध्याय का पाठ करना भी शुभ फलदायी होता है. आइए जानते हैं इंदिरा एकादशी व्रत कथा (indira ekadashi vrat katha) के बारे में.

इंदिरा एकादशी व्रत कथा | Indira Ekadashi Vrat Katha

सतयुग में इंद्रसेन नाम के प्रतापी राज रहते थे. वे भगवान विष्णु के परम भक्तों में से एक थे. महिष्मति राज्य का राजा होने के कारण उनके पास किसी चीज की कमी नहीं थी. कहते हैं कि एक दिन उनके राज्य में नारद मुनि का आगमन हुआ. राजा ने उनका अतिथि सत्कार किया और उनसे वहां आने का प्रयोजन जानना चाहा. तब उन्होंने राजा से उनके वहां आने का प्रयोजन बताते हुए कहा कि वे एक दिन यमलोग गए जहां उन्होंने राजा के पिता को देखा. जिसके बाद राजा के पिता ने नारद जी को कुछ संदेश दिया. राजा के पिता ने बाताया कि किसी कारणवश एकादशी के व्रत में उनसे कोई बाधा उत्पन्न हो गई थी. जिसकी वजह से उन्हें यमलोक में यमराज के पास ही समय व्यतीत करना पड़ रहा है. नारद जी ने राजा से उनके पिता का संदेश बताते हुए कहा कि अगर आपसे संभव हो सके तो वे अपने पिता के लिए इंदिरा एकादशी का व्रत करें. जिसके परिणामस्वरूप उनके पिता यमलोक से मुक्ति पाकर स्वर्गलोक में स्थान पा सकेंगे.

Indira Ekadashi 2022: इंदिरा एकादशी पर भूल से भी ना करें ये काम, जानें पूजा की सही विधि

राजा इंद्रसेन ने अपने पिता का संदेश सुनकर विधि-विधान से इंदिरा एकादशी का व्रत और पूजन किया. साथ ही अंत में इंदिरा एकादशी व्रत कथा का पाठ भी किया. नारद जी के बताई हुई विधि के अनुसार उन्होंने इंदिरा एकादशी व्रत के दिन स्नान इत्यादि निवृत होकर शालीग्राम भगवान के समक्ष अपने पितरों का श्राद्ध किया. उसके बाद ब्रह्मणों को आदर पूर्वक भोजन करवाया. फिर उन्हें दक्षिणा देकर श्रद्धापूर्वक विदा किया. इसके बाद बचे हुए भोजन को गाय को खिलाया. इसके बाद धूप-दीप से भगवान विष्णु की पूजा की. इसके बाद रात्रि में जागरण करके अगले दिन सुबह दान करके व्रत का पारण किया. नारद जी के कथनानुसार, राजा ने ऐसा ही किया. जिसके बाद राजा के पिता स्वर्ग लोक में स्थान प्राप्त कर सके. 

Advertisement

Indira Ekadashi 2022: 21 सितंबर को रखा जाएगा इंदिरा एकादशी का व्रत, जानें पितृ पक्ष की एकादशी पर क्या करें और क्या नहीं

Advertisement

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

अनंत चतुर्दशी आज, मुंबई में गणपति विसर्जन की धूम

Featured Video Of The Day
Zaheer Khan ने Viral Bowling Girl Sushila Meena के Video पर रियेक्ट करते हुए जमकर तारीफ की
Topics mentioned in this article