सनातन धर्म में तिलक लगाने का है बहुत महत्व, जानिए किस उंगली से लगाना है शुभ

Niyam of applying Tilak: तिलक लगाने के कुछ नियम हैं. खासकर इसका सीधा संबंध हाथ की अंगुलियों से होता है. जिसे तिलक लगाना है उसके अनुसार अलग अलग अंगुलियों का उपयोग करने का नियम है.

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आइए जानते हैं किसे किस उंगली से तिलक लगाना माना जाता है शुभ.

Niyam of applying Tilak: सनातन धर्म में तिलक लगाने का बहुत महत्व है. पूजा पाठ में प्रभु से लेकर भक्त तक के मस्तक पर तिलक लगाने की परंपरा है. तिलक लगाने के लिए कुमकुम, चंदन, हल्दी, सिंदूर, भस्म, अष्टगंध, गुलाल का उपयोग किया जाता है.  पूजा के अलावा सभी तरह के शुभ अवसरों और कार्यों में लोगों का सम्मान करने के लिए उनके माथे पर तिलक लगाना जाता हैं. रक्षा बंधन के त्योहार पर बहनें भाई की लंबी उम्र की कामना से तिलक लगाती हैं. मान्यता है कि माथे पर लगा तिलक सुंदरता के साथ ही हमारी एकाग्रता ( Tilak Lagane Ka Mahatva Kya Hai ) को भी बढ़ाने वाला होता है. हालांकि तिलक लगाने के कुछ नियम (Tilak Lagane Ke Niyam) हैं. खासकर इसका सीधा संबंध हाथ की उंगलियों से होता है. जिसे तिलक लगाना है उसके अनुसार अलग अलग उंगलियों का उपयोग करने का नियम है. हाल ही में इंस्टाग्राम पर 56_bhjog_shaukeen अकाउंट की पोस्ट में बताया गया है कि किसको किस उंगली से तिलक लगाना चाहिए (Kis Ungli Se Tilak Lagana Chahiye). आइए जानते हैं किसे किस उंगली से तिलक लगाना माना जाता है शुभ.

भगवान को तिलक

भगवान को हमेशा अनामिका यानी रिंग फिंगर से तिलक लगाना चाहिए. भगवान, गुरु या किसी अन्य व्यक्ति की मंगल कामना के लिए तिलक लगाने के लिए इस उंगली का उपयोग करना चाहिए. इस उंगली का संबंध सूर्य से माना जाता है और इससे तिलक लगाने से आज्ञा चक्र जागृत होता है.

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स्वयं को तिलक

स्वयं को हमेशा मध्यमा उंगली से तिलक लगाना चाहिए. मध्यमा उंगली का संबंध शनि ग्रह से बताया गया है और  शास्त्रों के अनुसार प्रतिदिन पूजा करने के बाद भगवान को अनामिका से तिलक लगाने के बाद स्वयं को मध्यमा उंगली से तिलक लगाना चाहिए.

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अतिथि को अंगूठे से तिलक

घर आए अतिथि को हमेशा अंगूठे से तिलक लगाना चाहिए. इसके अलावा रक्षाबंधन पर बहनों को अपने भाई की विजय की कामना करते हुए उन्हें अंगूठे से ही तिलक लगाना चाहिए. प्राचीन समय में युद्ध पर जाते राजा को रानियां अंगूठे से विजय तिलक लगाती थीं.

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तर्जनी से पितरों को तिलक

पितरों की पूजा करते समय उन्हें तर्जनी से तिलक लगाना चाहिए. इस उंगली का प्रयोग मृत व्यक्ति को तिलक लगाने के लिए किया जाता है, ताकि उनकी  आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति हो.

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कनिष्ठा से नहीं लगाना चाहिए तिलक

कभी भी तिलक लगाने के लिए कनिष्ठा यानी सबसे छोटी उंगली का उपयोग नहीं करना चाहिए.  किसी भी शुभ कार्य में इस उंगली का उपयोग वर्जित माना जाता है.

कहां लगाएं तिलक

तिलक या बिंदी लगाने की सबसे अच्छी जगह दोनों भौंहों के बीच आज्ञा चक्र को माना गया है. योग शास्त्र के अनुसार दोनों भौहों के बीच आज्ञा चक्र होता है और यह एकाग्रता बढ़ाने में मदद करता है. आज्ञा चक्र पर तिलक लगाने से एकाग्रता बढ़ती है और विचारों की नकारात्मकता दूर होती है.

किसे लगाया जाता है किस चीज का तिलक

तिलक लगाने के लिए कुमकुम, सिंदूर, चंदन हल्दी आदि का उपयोग किया जाता है. देवियों को खासतौर पर कुमकुम, सिंदूर का तिलक लगाया जाता है जबकि हनुमान जी और गणेश जी को सिंदूर से तिलक लगाया जाता है. शिवलिंग पर चंदन और भस्म से तिलक लगाया जाता है और  भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण को पीले चंदन, लाल चंदन, केसर आदि से तिलक लगाया जाता है.  

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