Chhath Puja Argya Timing: छठ पूजा ही नहीं, देश में ऐसे कई बड़े त्योहार होते हैं, जो सूर्य की पूजा से जुड़े हैं. सूर्य और चंद्रमा को हिंदू धर्म में सिर्फ ग्रह नहीं माना गया है, बल्कि भगवान के तौर पर उनकी पूजा की जाती है. लंबी आयु, संतान की मनोकामना समेत कई उद्देश्यों को लेकर सूर्य की पूजा हमारे देश में होती है. वैसे तो प्रतिदिन सुबह ही सूर्य को जल अर्पण करना शुभ माना जाता है. इस बार 27 अक्टूबर को डूबते सूरज को अर्घ्य के बाद 28 अक्टूबर को उगते सूरज को अर्घ्य देने के साथ छठ पूजा पूरी होगी.
मकर संक्रांति का त्योहार
इनमें एक त्योहार मकर संक्रांति का भी है.मकर संक्रांति के दिन सूर्य उत्तरायण होते हैं. मकर संक्रांति हर साल 14 जनवरी या 15 जनवरी को देश भर में मनाई जाती है.
छठ पूजा पर उगते सूरज को अर्घ्य
छठ पूजा दिवाली के छह दिन बाद होता है. इसमें डूबते सूरज को और उगते सूरज को अर्घ्य दिया जाता है. इस साल भी 27 और 28 अक्टूबर को ये त्योहार मनाया गया.
रथ सप्तमी
माघ महीने में शुक्ल पक्ष के सातवें दिन को रथ सप्तमी का त्योहार मनाया जाता है. इसे सूर्य जयंती, माघ सप्तमी या माघ जयंती के तौर पर भी मनाया जाता है. माना जाता है कि सूर्य देवता इस दिन सात घोड़ों के रथ पर सवार होकर प्रकट हुए थे. इस विधान सप्तमी और आरोग्य सप्तमी भी कहा जाता है.
कुंभ और महाकुंभ
कुंभ और महाकुंभ के दौरान भी सूर्य देवता की आराधना का विशेष महत्व होता है.अभी हाल साल की शुरुआत में प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन हुआ था.
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पोंगल का त्योहार
तमिलनाडु समेत ज्यादा दक्षिण भारतीय राज्यों में 4 दिनों का पोंगल त्योहार मनाया जाता है.इसमें भगवान सूर्य की उपासना की जाती है.
लोलार्क षष्ठी पर संतान की मनोकामना
वाराणसी में भाद्रपद शुक्ल पक्ष की षष्ठी को इस विशेष कुंड में स्नान की परंपरा है. संतान की चाह रखने वाले इस त्योहार को विशेष तौर पर मनाते हैं.














