26 या 27 कब है हर‍ियाली तीज? यहां जान‍िए पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्‍व

Hariyali Teej 2025: हरियाली तीज का व्रत भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन के प्रतीक के रूप में रखा जाता है. इस दिन महिलाएं व्रत रखती हैं और विधि विधान से भगवान शिव के साथ मां पार्वती की पूजा करती हैं.

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Hariyali teej 2025 kab hai : हरियाली तीज कब है.

Hariyali Teej 2025: सावन माह के कई व्रत और त्योहार मनाए जाते हैं. इस माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को महिलाएं हरियाली तीज का व्रत रखती हैं. इस व्रत का बहुत महत्व है. महिलाएं अखंड सुहाग के लिए और अविवाहित लड़कियां मनचाहा जीवनसाथी पाने के लिए यह व्रत रखती हैं. वैसे तो साल में हरियाली, कजरी और हरतालिका तीज के तीन व्रत रखे जाते हैं. सावन माह में पड़ने वाली तीज को हरियाली तीज कहते हैं. हरियाली तीज का व्रत भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन (Kya Hai Hariyali Teej Ka Mahatva) के प्रतीक के रूप में रखा जाता है. इस दिन महिलाएं व्रत रखती हैं, हरे रंग की चूड़ियां और कपड़े पहनती हैं, मेहंदी रचाती हैं और विधि विधान से भगवान शिव के साथ मां पार्वती की पूजा करती हैं. इस साल तृतीया तिथि दो दिन होने के कारण हरियाली तीज की तिथि को लेकर असमंजस है. आइए जानते हैं हरियाली तीज की (Kab Hai Hariyali Teej) सही तारीख, शुभ मुहूर्त और पूजा की विधि (Kaise Kare Hariyali Teej Ki Puja).

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कब है हरियाली तीज 2025 ( Date of Hariyali Teej 2025)

पंचांग के अनुसार, इस वर्ष सावन माह में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 26 जुलाई शनिवार को रात 10 बजकर 41 मिनट से शुरू होगी और 27 जुलाई रविवार को रात 10 बजकर 41 मिनट पर ही समाप्त होगी. सूर्योदय के अनुसार हरियाली तीज का व्रत 27 जुलाई रविवार को रखा जाएगा.
 2025 में तीनों तीज की तिथियां (Dates of Teej 2025)
हरियाली तीज- 27 जुलाई 2025, रविवार
कजरी तीज- 12 अगस्त 2025, मंगलवार
हरतालिका तीज- 26 अगस्त 2025, मंगलवार
 

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हरियाली तीज का महत्व (Significance of Hariyali Teej)

हरियाली तीज को सावन तीज, छोटी तीज और मधुश्रवा तीज के नाम से भी जाने जाता है. तीज के व्रत का बहुत महत्व है. हरियाली तीज को भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन का प्रतीक माना जाता है. मान्यता है कि मां पार्वती ने 108 जन्मों तक कठोर तप करने के बाद भगवान शिव को पति के रूप में पाया था. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विधिवत पूजा करने से अखंड सुहाग का वरदान प्राप्त होता है.

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हरियाली तीज की पूजा की संपूर्ण सामग्री (Puja Samagri of Hariyali Teej)

हरियाली तीज की पूजा के लिए कुछ खास चीजों की जरूरत मानी जाती है. इस पूजा के लिए मिट्टी या पीतल का एक कलश, भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश की तस्वीर, पूजा की चौकी, लाल या पीला कपड़ा, चौकी में चारों ओर बांधने के लिए केले के पत्ते, नारियल, सोलह श्रृंगार (चुनरी, काजल, मेहंदी, चूड़ी, सिंदूर, बिंदी, बिछिया, महावर, कंघी, शीशा आदि) मां पार्वती को चढ़ाने के लिए नई हरी साड़ी, भगवान शिव और भगवान गणेश के लिए नए वस्त्र, बेलपत्र, केले का पत्ता, शमी पत्र, धतूरा, कलावा, दूर्वा, अबीर, सफेद चंदन, कुमकुम, आक के फूल, फूल और फल, गाय की घी, कपूर, धूप, मिट्टी या पीतल का दीपक, पंचामृत, मिठाई, पीतल के लोटे में जल, हरियाली तीज व्रत कथा की किताब.

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हरियाली तीज की पूजा विधि (Puja Vidhi of Hariyali Teej)

व्रत करने वाली महिलाएं सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि के बाद सोलह शृंगार करें और लाल रंग के वस्त्र धारण करें. घर के मंदिर में या पूजा स्थल पर चौकी पर पीला या लाल वस्त्र बिछाएं और भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें.  हाथ में गंगाजल और पुष्प लेकर व्रत का संकल्प लें. माता पार्वती को शृंगार की सामग्री अर्पित करें और हरियाली तीज की व्रत कथा सुनें और रात में चंद्र दर्शन के बाद व्रत का पारण करें.

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