हरियाली अमावस्या पर किस काम को करने पर शिव संग बरसेगी पितरों की कृपा, जानें इससे जुड़े महाउपाय

Hariyali Amavasya 2025: पुराणों में जिस हरियाली अमावस्या को स्नान-दान, शिव पूजा, देव पूजा, पितरों का तर्पण, श्राद्ध आदि के लिए बहुत ज्यादा फलदायी बताया गया हो, उस तिथि का पुण्यफल पाने के लिए क्या करें, जानने के लिए जरूर पढ़ें ये लेख.

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हरियाली अमावस्या के सरल सनातनी उपाय

Hariyali Amavasya Ke Upay: हिंदू धर्म में प्रत्येक मास के कृष्णपक्ष की पंद्रहवीं तिथि को अमावस्या​​ तिथि कहते हैं. यही तिथि जब शिव को समर्पित श्रावण मास में पड़ती है तो हरियाली अमावस्या कहलाती है. जिस श्रावण मास के समय पूरी प्रकृति हरी-भरी नजर आती है, उस दौरान आप भगवान शिव (Lord Shiva), माता पार्वती और अपने पितरों की साधना-आराधना करके उनकी विशेष कृपा पा सकते हैं. धर्मशास्त्र में हरियाली अमावस्या के दिन शिव की विशेष साधना आराधना करने से तमाम तरह के दोष दूर होने और सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होने की बात कही गई है. ऐसे में पितृदोष (Pitru Dosh) हो या फिर कालसर्प दोष (Kaal Sarp dosh) अथवा कोई दूसरी बाधा, उससे दूर करने के लिए हरियाली अमावस्या वाले दिन नीचे बताए गये उपाय को कर सकते हैं.

  • हरियाली अमावस्या के दिन पेड़-पौधे लगाने और दान (Daan) करने का बहुत ज्यादा महत्व है. ऐसे में आप इस दिन सुख-सौभाग्य की कामना के लिए अपनी राशि के अनुकूल अथवा किसी नक्षत्र विशेष के लिए पेड़ लगा सकते हैं. हिंदू मान्यता (Hindu Beliefs) के अनुसार वृक्ष को लगाना और उसकी सेवा करना अत्यंत ही शुभ और पुण्यदायी माना गया है.
  • हिंदू मान्यता के अनुसार अमावस्या तिथि पर गंगा (Ganga Snan) अथवा किसी पवित्र नदी अथवा फिर सरोवर में स्नान करने का बहुत ज्यादा माना गया है. यदि आप किसी कारण से इन सभी स्थानों पर न जा सकें तो अपने घर में ही स्नान के जल में थोड़ा सा गंगा जल (Gangajal) मिलाकर इस तिथि पर तीर्थ अथवा नदी स्नान के पुण्यफल को प्राप्त कर सकते हैं.
  • हरियाली अमावस्या तिथि पर तमाम तरह की पूजा, श्राद्ध (Shradh), तर्पण(Tarpan) आदि के साथ दान का ​भी महत्व माना गया है. मान्यता है कि हरियाली अमावस्या पर यदि कोई व्यक्ति श्रद्धा भाव के अनुसार किसी जरूरतमंद व्यक्ति को धन, अन्न, वस्त्र आदि का दान करता है तो उसे पुण्यफल की प्राप्ति होती है.
  • हरियाली अमावस्या के दिन तमाम तरह के दान के साथ दीपदान का भी बहुत ज्यादा महत्व माना गया है. ऐसे में यदि इस तिथि पर किसी नदी, सरोवर या फिर पीपल के पेड़ के नीचे विशेष रूप से दीया जलाएं. मान्यता है कि हरियाली अमावस्या के दिन दीपदान से न सिर्फ देवी-देवता बल्कि पितरगण भी प्रसन्न होकर सुख-सौभाग्य का आशीर्वाद देते हैं.

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  • हरियाली अमावस्या के दिन माता लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए गोशाला में, पीपल के पेड़ के नीचे, मुख्य द्वार पर, देव स्थान आदि पर शुद्ध देशी घी का दीया विशेष रूप से जलाएं. माता लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए इस दीये में रुई की बाती की जगह लाल कलावा प्रयोग में लाएं.
  • हरियाली अमावस्या के दिन शनि संबंधी दोष को दूर करने के लिए विशेष रूप से शिव साधना करें. इस दिन भगवान शिव का रुद्राभिषेक (Rudrabhishek) करने से कुंडली और जीवन से जुड़े बड़े दोष दूर हो जाते हैं. शनि (Shani Dosha) संबंधी दोष को दूर करने के लिए काली चींटी को आटा डालें तथा काले कुत्ते को तेल से चुपड़ी हुई रोटी या फिर बिस्कुट आदि खिलाएं.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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