Guruvar Vrat Katha: पहली बार रखने जा रहे हैं गुरुवार व्रत, इस विधि से करेंगे पूजा तो प्रसन्न होंगे भगवान विष्णु

Guruvar Vrat Puja Vidhi: गुरुवार का दिन भगवान विष्णु और देव गुरु बृहस्पति की पूजा के लिए समर्पित है. इस दिन लोग व्रत रखते हैं और इनकी विधिपूर्वक पूजा करते हैं, जो लोग गुरुवार का व्रत रखते हैं, उनको व्रत के इन नियमों का पालन जरूर करना चाहिए.

विज्ञापन
Read Time: 25 mins
Guruvar Vrat Katha: जानिये गुरुवार व्रत में किन बातों का रखना चाहिए ध्यान
नई दिल्ली:

हिंदू धर्म में हरदिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित है, जिस तरह सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है, मंगलवार हनुमान जी को और बुधवार गणेश जी को. उसी तरह गुरुवार के दिन भगवान श्री हरि विष्णु की पूजा का विधान है. गुरुवार (बृहस्पतिवार) का व्रत बड़ा ही फलदायी माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना और व्रत रखने से भगवान प्रसन्न होते हैं और भक्तों पर कृपा बरसाते हैं. माना जाता है कि गुरुवार के दिन व्रत करने व कथा सुनने से घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है. ग्रंथों में उल्लेख है कि अगर व्रत के दिन नियमों का पालन न किया जाए, तो भगवान श्री हरि विष्णु नाराज भी हो जाते हैं. ऐसे में इन चीजों का हमेशा ध्यान रखें.

गुरुवार व्रत की विधि (Guruvar Vrat Vidhi In Hindi)

  • गुरुवार के दिन सुबह जल्दी उठकर नित्यकर्म और स्नान करें.
  • इसके बाद पूजा घर या केले के पेड़ की नीचे भगवान श्री हरि विष्णु की प्रतिमा या फोटो रखकर उन्हें प्रणाम करें.
  • कोई नया छोटा सा पीला वस्त्र भगवान को अर्पित करें.
  • हाथ में चावल और पवित्र जल लेकर व्रत का संकल्प लें.
  • एक लोटे में पानी और हल्दी डालकर पूजा के स्थान पर रखें.
  • भगवान को गुड़ और धुली चने की दाल का भोग लगाएं.
  • गुरुवार व्रत की कथा का पाठ करें.
  • पूजा-पाठ व आरती करें.
  • भगवान को प्रणाम करें और हल्दी वाला पानी केले की जड़ या किसी अन्य पौधे की जड़ों में डालें.

Lord Vishnu Mantra: बृहस्पतिवार को इन मंत्रों के जाप से भगवान श्री हरि विष्णु को करें प्रसन्न

गुरुवार के दिन व्रत के समय रखें इन बातों का ध्यान (Bhagwan Vishnu Vrat Niyam)

अगर आप पहली बार गुरुवार का व्रत रखने जा रहे हैं तो आपको उस गुरुवार का चयन करना चाहिए, जिस दिन पुष्य नक्षत्र हो. अगर ये संभव न हो पाये तो किसी भी मास के शुक्ल पक्ष के पहले गुरुवार से यह व्रत की शुरुआत कर सकते हैं. इस बात का ख्याल रखें कि जब भी व्रत प्रारंभ करने जा रहे हो, तो उस दौरान पौष माह न हो.

अगर आप गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा करते हैं तो उस दिन केले का सेवन भूलकर भी न करें. हिंदू धर्म के अनुसार, केले के पेड़ में भगवान श्री हरि विष्णु का वास माना जाता है, इसलिए गुरुवार के दिन केले के पेड़ पर जल अर्पित करें. उसका विधि-विधान से पूजन करें.

Advertisement

Kharmas 2021: जानिए कब से शुरू हो रहा है खरमास, एक महीने नहीं होंगे मांगलिक कार्य

अगर हो सके तो गुरुवार के दिन उड़द की दाल व चावल के सेवन से परहेज करना चाहिए.

वहीं, माना जाता है कि गुरुवार के दिन दाढ़ी, बाल, नाखून नहीं कटवाने चाहिए. इसके साथ ही इस दिन कपड़े धोने व सिर धोने आदि की भी मनाही होती है.

Advertisement

पूजा के दौरान पीले कपड़े पहनने की कोशिश करें. पीले फल और पीले फूल भगवान श्री हरि विष्णु और गुरु बृहस्पति को बेहद प्रिय हैं, इसलिए पूजा के दौरान ये चीजें जरूर अर्पित करें.

Advertisement

Utpanna Ekadashi 2021: जानें उत्पन्ना एकादशी कब है, यह है शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

जिस प्रकार से 16 सोमवार का व्रत रखा जाता है, ठीक उसी प्रकार 16 गुरुवार को भी व्रत रखे जाते हैं.

Advertisement

मान्यता है कि गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा आराधना करने के बाद गुड़, पीला कपड़ा, चने की दाल और केला भगवान को अर्पित करने के बाद गरीबों में दान देना चाहिए. कहते हैं इससे भगवान विष्णु की कृपा दृष्टि बनी रहती है.

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, गाय में कई करोड़ देवी-देवताओं का वास होता. गुरुवार के दिन गाय को रोटी और गुड़ खिलाने से सभी कष्ट दूर होते हैं और जीवन में खुशियां आती हैं.

दिल्ली: ट्रेड फेयर में सजावट के ये आइटम बने आकर्षण का केंद्र, देखिए रिपोर्ट

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

Featured Video Of The Day
Delhi Pollution: दिल्ली में फिर दमघोंटू हवा, AQI 450 के पार | BREAKING NEWS