मार्गशीर्ष में गुरु प्रदोष व्रत पर बन रहे है कई अद्भुत योग, जानिए बनने वाले हैं कौन-कौन से योग और उनका क्या होगा प्रभाव

मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को गुरुवार होने के कारण यह प्रदोष व्रत गुरु प्रदोष व्रत होगा. मान्यता है कि प्रदोष व्रत रखकर माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करने से हर मनोकामना पूरी होती है.

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आइए जानते हैं मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष के प्रदोष व्रत पर बनने वाले हे कौन कौन से अद्भुत योग और उनका क्या होगा प्रभाव.

Yogs on Guru Pradosh Vart: हिंदू धर्म में भगवान शिव की पूजा अर्चना के लिए किए जाने वाले प्रदोष व्रत (Pradosh Vart) का विशेष महत्व होता है. हर माह में दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को भगवान शिव की अराधना के लिए भक्त प्रदोष व्रत रखते हैं. प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव के साथ साथ माता पार्वती की भी पूजा करने का विधान है. दिन के अनुसार प्रदोष व्रत का अलग अलग प्रभाव होता है और उसका फल भी उसी के अनुसार प्राप्त होता है. मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को गुरुवार होने के कारण यह प्रदोष व्रत गुरु प्रदोष व्रत (Guru Pradosh Vart) होगा. मान्यता है कि प्रदोष व्रत रखकर माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करने से हर मनोकामना पूरी होती है.  ज्योतिषियों के अनुसार मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखे जाने वाले प्रदोष व्रत पर कई दुर्लभ योग (Yogs on Guru Pradosh Vart) का निर्माण हो रहा है. इन योगों में शिव-शक्ति की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो सकती हैं. आइए जानते हैं मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष के प्रदोष व्रत पर बनने वाले हे कौन कौन से अद्भुत योग और उनका क्या होगा प्रभाव.

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गुरु प्रदोष व्रत की तिथि और शुभ मुहूर्त (Date and muhurat of Guru Pradosh Vart)

मार्गशीर्ष में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 28 नवंबर गुरुवार को सुबह 6 बजकर 23 मिनट पर शुरू होकर 29 नवंबर शुक्रवार को सुबह 8 बजकर 39 मिनट पर रहेगी. 28 नवंबर गुरुवार को गुरु प्रदोष व्रत रखा जाएगा.

गुरु प्रदोष व्रत को बनने वाले योग (Yogs on  Guru Pradosh Vart)

ज्योतिषियों के अनुसार मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखे जाने वाले प्रदोष व्रत पर कई दुर्लभ योग का निर्माण हो रहा है. इन योगों में शिव-शक्ति की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो सकती हैं.

सौभाग्य योग

ज्योतिषियों के अनुसार मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि यानी 28 नवंबर को शाम 4 बजकर 2 मिनट तक सौभाग्य योग बन रहा है. सौभाग्य योग में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने वालों की जीवन की हर मनोकामना पूर्ण हो जाती है और जीवन में सुख और सौभाग्य की वर्षा होने लगती है.

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शोभन योग

मार्गशीर्ष माह के प्रथम प्रदोष व्रत, जो कि गुरु प्रदोष व्रत है पर शोभन योग का भी संयोग बनने जा रहा है. शाम को 4 बजकर 3 मिनट से शोभन योग का बनने वाला है. शोभन योग को ज्योतिष अत्यंत शुभ योग मानते हैं. इस शुभ योग में भोलनाथ और माता पार्वती की पूजा करने से सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है.

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करण

मार्गशीर्ष माह में आ रहे गुरु प्रदोष व्रत पर चित्रा और स्वाति नक्षत्र का संयोग भी बन रहा है. इसके साथ ही गर और वणिज करण का निर्माण भी होने वाला है. गर और वणिज को ज्योतिष अत्यंत शुभ मानते हैं और इस योगों में भगवान शिव का अभिषेक करने से जीवन की सभी मनोकामना पूर्ण होने का लाभ प्राप्त होता है और जीवन में सुख संपति बढ़ती है.

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अत्यंत फलदाई होगा गुरु प्रदोष व्रत

मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष में गुरु प्रदोष व्रत इतने सारे शुभ योग और संयोग के कारण अत्यंत शुभ और फलदाई होगा. इस दिन प्रदोष व्रत रखकर भगवान शिव और माता पार्वती की विधि विधान पूजा अर्चना करने वालों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो सकती है. इसके साथ ही जीवन में दुखों और कष्टों से मुक्ति प्राप्त हो सकती है. भगवान शिव के भक्त गुरु प्रदोष व्रत रखकर भोलेनाथ की असीम कृपा प्राप्त कर सकते हैं. भक्तों से जल्द प्रसन्न हो जाने वाले भगवान शिव को प्रदोष व्रत अत्यंत प्रिय है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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