Guru Nanak Jayanti 2025: आज है गुरु नानक जयंती, जानें सिखों के पहले गुरु की 5 बड़ी सीख

Guru Nanak Jayanti 2025: आज कार्तिक मास की पूर्णिमा पर सिखों के पहले गुरु नानक जी की जयंती मनाई जा रही है. सिख धर्म के संस्थापक ने "एक ओंकार" के माध्यम से एक ही ईश्वर के होने और सामाजिक समानता की जो अनमोल सीख दी, उसे विस्तार से जानने के लिए जरूर पढ़ें ये लेख. 

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Guru Nanak Jayanti 2025: गुरु नानक जी की 5 बड़ी सीख
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Guru Nanak Jayanti 2025: सिखी परंपरा में गुरु नानक जी का नाम बड़े आदर और सम्मान के साथ लिया जाता है क्योंकि वे इस परंपरा में सबसे पहले गुरु हुए, जिन्होंने इस धर्म की नींव रखी थी. गुरुनानक जी का जन्म कार्तिक मास की पूर्णिमा पर तलवंडी ननकाना साहिब में हुआ था. सिखी परंपरा में बड़ी धूम-धाम से मनाई जाने वाली गुरु नानक जी की जयंती की तैयारियां बहुत पहले से प्रारंभ हो जाती है और आज के दिन देश के सभी गुरुद्वारा में गुरुग्रंथ साहिब का अखंड पाठ चलता है. जगह-जगह पर लंंगर लगाए जाते हैं.

गुरु नानक जी उस दौर में लोगों को सही राह दिखाई थी जब देश में मुगलों का राज हुआ करता था. आइए जीवन को सही दिशा दिखाने वाली गुरु नानक जी की अमृतवाणी को जानने और समझने का प्रयास करते हैं. 

  • गुरु नानक जी ने अपने जीवन में भक्ति का मार्ग अपनाया और लोगों को बताया कि मनुष्य योनि ईश्वर का अनमोल उपहार है. गुरु नानक जी ने लोगों को नाम जप के लिए प्रेरित किया क्योंकि उनका मानना था कि नाम जप से तमाम तरह की बुराईयों का दमन और मनुष्य का कल्याण होता है. 
  • गुरु नानक ने सामाजिक समानता का संदेश देते हुए बताया कि परमपिता परमेश्वर की दृष्टि में सभी लोग लोग समान हैं, फिर वे कहीं से भी आए हों. उन्होंने सभी के साथ सम्मान के साथ पेश आने की सीख दी. 
  • गुरु नानक जी ईश्वर की बनाई चर-अचर सृष्टि को एक समान दृष्टि से देखते थे, इसीलिए वे खेत में खड़ी फसल की पक्षियों से रक्षा करने की बजाय उन्हें खाने के लिए छोड़ देते हैं और कहते हैं -

राम की चिड़िया, राम का खेत 
खाओ चिड़िया भर-भर पेट.

  • गुरु नानक देव जी लोगों को मेहनत और ईमानदारी के साथ धन अर्जित करने पर जोर दिया. साथ ही साथ उन्होंने सेवा, दया और मानवता का पाठ पढ़ाते हुए लोगों को अपनी कमाई में से कुछ हिस्सा जरूरतमंद व्यक्तियों को देने की भी सीख दी. 
  • गुरुनानक जी ने लोगों को धर्म से जुड़े पाखंड और अंधविश्वास से दूर रहते हुए लोगों को सच्चे धर्म को अपनाने की सीख दी जिसमें लोगों के प्रति प्रेम, मानवता समाहित है. गुरुनानक जी का कहना था कि निर्मल मन से ईश्वर का नाम लेने से सभी दोष दूर हो जाते हैं. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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