Good Friday: आज 2 अप्रैल को गुड फ्राइडे (Good Friday) है. गुड फ्राइडे को होली फ्राइडे, ब्लैक फ्राइडे या ग्रेट फ्राइडे के नाम से भी जाना जाता है. यह ईसाई धर्म को मानने वालों का एक प्रमुख त्योहार है. ईसाई धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गुड फ्राइडे के दिन ही प्रभु यीशु ने मानवता की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहूति दे दी थी. इस दिन ईसाई धर्म के लोग चर्च जाकर प्रभु यीशु को याद करते हैं. उनके दिखाए प्रेम और शांति के मार्ग पर चलने का प्रण लेते हैं. चर्च में इस दिन झांकी निकाली जाती है.
क्या है गुड फ्राइडे?
ईसाई धर्म ग्रंथों के अनुसार, यीशु का कोई दोष नहीं था फिर भी उन्हें क्रॉस पर लटका कर मारने का दंड दिया गया. अपने हत्यारों की उपेक्षा करने के बजाए यीशु ने उनके लिए प्रार्थना करते हुए कहा था, 'हे ईश्वर! इन्हें क्षमा कर क्योंकि ये नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं.' जिस दिन ईसा मसीह को क्रॉस पर लटकाया गया था उस दिन फ्राइडे यानी कि शुक्रवार था. तब से उस दिन को गुड फ्राइडे कहा जाता है. क्रॉस पर लटकाए जाने के तीन दिन बाद यानी कि रविवार को ईसा मसीह फिर से जीवित हो उठे थे. इस दिन को ईस्टर संडे कहा जाता है.
ईसा मसीह को क्रॉस पर क्यों लटकाया गया?
ईसाई धर्म के अनुसार, ईसा मसीह परमेश्वर के पुत्र थे. उन्हें मृत्यु दंड इसलिए दिया गया था, क्योंकि वो अज्ञानता के अंधकार को दूर करने के लिए लोगों को शिक्षित और जागरुक कर रहे थे. उस वक्त यहूदियों के कट्टरपंथी रब्बियों यानी कि धर्मगुरुओं ने यीशु का पुरजोर विरोध किया. कट्टरपंथियों ने उस समय के रोमन गवर्नर पिलातुस से यीशु की शिकायत कर दी. रोमन हमेशा इस बात से डरते थे कि कहीं यहूदी क्रांति न कर दें. ऐसे में कट्टरपंथियों को खुश करने के लिए पिलातुस ने यीशु को क्रॉस पर लटकाकर जान से मारने का आदेश दे दिया.
कैसे मनाते हैं गुड फ्राइडे?
वैसे तो गुड फ्राइडे की तैयारी प्रार्थना और उपवास के रूप में 40 दिन पहले ही शुरू हो जाती है. इस दौरान शाकाहारी और सात्विक भोजन पर जोर दिया जाता है. फिर गुड फ्राइडे के दिन ईसाई धर्म को मानने वाले अनुयायी गिरजाघर जाकर प्रभु यीशु को याद करते हैं. इस दिन भक्त उपवास के साथ प्रार्थना और मनन करते हैं. चर्च और घरों से सजावट की वस्तुएं हटा ली जाती हैं या उन्हें कपडे़ से ढक दिया जाता है. गुड फ्राइडे के दिन ईसा के अंतिम सात वाक्यों की विशेष व्याख्या की जाती है जो क्षमा, मेल-मिलाप, सहायता और त्याग पर केंद्रित हैं. कुछ जगहों पर लोग काले कपड़े धारण कर यीशु के बलिदान दिवस पर शोक भी व्यक्त करते हैं.
क्या है ईस्टर संडे?
ईसा मसीह के जी उठने की याद में दुनिया भर में ईसाई धर्म को मानने वाले ईस्टर संडे मनाते हैं. मान्यता है कि मौत के तीन दिन बाद ईसा मसीह फिर से जीवित हो उठे थे. इसके बाद उन्होंने अपने शिष्यों के साथ 40 दिन रहकर हजारों लोगों को दर्शन दिए. ईस्टर संडे के दिन लोग चर्च में इकट्ठा होते हैं और प्रभु यीशु को याद करते हैं. ईसा मसीह के जी उठने की खुशी में लोग प्रभु भोज में भाग लेते हैं.