इस साल कब से शुरू होगा गणेश उत्सव, जानें गणेश चतुर्थी की तिथि, स्थापना मुहूर्त और पूजा विधि

गणेश चतुर्थी से 10 दिन के गणेश उत्सव की शुरूआत हो जाती है. जानिए इस साल किस दिन मनाई जाएगी गणेश चतुर्थी और किस तरह की जा सकती है बप्पा की स्थापना.

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गणेश चतुर्थी पर किया जाता है बप्पा का पूजन.

Ganesh Chaturthi 2024: विघ्नहर्ता गणपति बप्पा हर साल 10 दिनों के लिए हम सबके बीच आते हैं और घरों और पंडालों में उनकी छोटी बड़ी प्रतिमाएं स्थापित की जाती हैं. इसके साथ ही 10 दिनों तक पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ उनकी पूजा-अर्चना की जाती है, ऐसे में इस साल गणेश चतुर्थी का पावन त्योहार कब मनाया जाएगा और 10 दिनों तक गणेश उत्सव  (Ganesh Utsav) में आप क्या कर सकते हैं, पूजा विधि (Puja Vidhi) क्या है और शुभ मुहूर्त क्या है, जानें यहां.

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कब मनाया जाएगा गणेश उत्सव

हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी का पावन त्योहार मनाया जाता है. इसी दिन से गणेश उत्सव की शुरुआत होती है और अनंत चतुर्दशी तक गणपति बप्पा हम सबके बीच रहते हैं. इस बार 7 सितंबर, शनिवार के दिन गणेश चतुर्थी का पावन त्योहार मनाया जाएगा, वहीं गणेश विसर्जन 17 सितंबर 2024, मंगलवार के दिन किया जाएगा. कई लोग अपने घरों में एक दिन के लिए, कोई डोल ग्यारस तक, तो कोई अनंत चतुर्दशी तक गणपति बप्पा की प्रतिमा विराजमान करता है.

गणेश प्रतिमा स्थापना मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, गणेश चतुर्थी की तिथि 7 सितंबर, 2024 को दोपहर 3:01 पर शुरू हो जाएगी और इसका समापन रविवार 9 सितंबर को शाम 5:37 पर होगा. स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 11:03 से शुरू होकर 1:34 तक रहेगा, यानी कि 2 घंटे 31 मिनट तक आप गणपति बप्पा की प्रतिमा घर में या पंडालों में विराजित कर सकते हैं.

गणेश चतुर्थी 2024 पूजा विधि

गणेश चतुर्थी पर गणपति बप्पा की पूजा (Ganpati Puja) करने के दौरान कुछ चीजों का ध्यान रखना जरूरी है. सबसे पहले आप सुबह जल्दी उठकर स्नान ध्यान करें, मंदिर या पूजास्थल की सफाई अच्छी तरह से करें. भगवान गणेश की उपासना करें, शुभ मुहूर्त के दौरान घर के ईशान कोण में चौकी स्थापित करें और उसपर पर पीला या लाल रंग का कपड़ा बिछाएं. इसके ऊपर भगवान गणेश की प्रतिमा विराजित करें. फिर हर दिन सुबह-शाम भगवान गणेश की उपासना करें, उन्हें तरह-तरह के भोग अर्पित करें और अंतिम दिन उन्हें श्रद्धापूर्वक विदा करें और उनकी प्रतिमा को विसर्जित करें.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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