षटतिला एकादशी व्रत में किया जाता है इन 7 नियमों का पालन, भूलकर भी न करें ये गलती

Shatila Ekadashi 2022: माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को षटतिला एकादशी कहते हैं. इस दिन भगवान श्री हरि विष्णु की पूजा में तिल का प्रयोग करना शुभ माना जाता है. षटतिला एकादशी व्रत करने के लिए कुछ नियम हैं. आइए जानते हैं कि षटतिला एकादशी व्रत के नियम क्या हैं.

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Shatila Ekadashi: जानिए षटतिला एकादशी व्रत में किन 7 नियमों का किया जाता है पालन
नई दिल्ली:

माघ मास (Magh Month) के कृष्ण पक्ष की एकादशी (Ekadashi) तिथि को षटतिला एकादशी का व्रत रखा जाता है, जो इस बार 28 जनवरी को पड़ रहा है. षटतिला एकादशी के दिन भगवान श्री हरि विष्णु (Lord Vishnu) का विधि-विधान से पूजन और व्रत किया जाता है. इस दिन पूजन के समय भगवान श्री हरि को तिल का भोग लगाना शुभ माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं की मानें तो, षटतिला एकादशी के दिन तिल का दान करने से स्वर्ग की प्राप्ति होती है. कहते हैं कि इस दिन आप जितना तिल दान करेंगे, उतने हजार वर्ष तक स्वर्ग में स्थान प्राप्त कर सकते हैं. षटतिला एकादशी व्रत करने के लिए कुछ नियमों का पालन करना जरूरी होता हैं, जिनके बारे में आपको जानकारी होनी चाहिए. आइए जानते हैं कि षटतिला एकादशी व्रत के नियम.

षटतिला एकादशी व्रत के नियम | Shattila Ekadashi Vrat Niyam

षटतिला एकादशी के दिन तिल का दान करने का विधान है. इसके अलावा तिल का हवन करना चाहिए, कहते हैं इससे शुभ फलों की प्राप्ति होती है.

कहते हैं षटतिला एकादशी के दिन भगवान श्री हरि विष्णु के पूजन के समय तिल का इस्तेमाल जरूर करें. माना जाता है कि प्रभु को इस दिन तिल का भोग लगाना उत्तम होता है.

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एकादशी व्रत के पूजन के समय षटतिला एकादशी व्रत कथा का श्रवण करना चाहिए. हिंदू धर्म के मुताबिक, व्रत का श्रवण करने से उसका महत्व का पता चलता है, इसके साथ ही व्रत का पुण्य प्राप्त होता है.

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मान्यता है कि व्रत रखने वाले व्यक्ति को फलाहार में तिल से बने खाद्य भोजन करना चाहिए. इसके साथ ही इस दिन आप तिल मिला हुआ जल ग्रहण करते हैं तो इसे और भी अच्छा माना जाता है..

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कहते हैं कि षटतिला एकादशी का व्रत करने वाले व्यक्ति को इस दिन तिल का उबटन लगाना चाहिए. इसके साथ ही पानी में तिल मिलाकर स्नान करना चाहिए.

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मान्यता है कि षटतिला एकादशी का व्रत करने वाले जातक को इस दिन बैंगन-चावल का भोजन नहीं ग्रहण करना चाहिए.

वहीं, अगर आप षटतिला एकादशी का व्रत रख रहे हैं तो मांसाहार और तामसिक भोजन करने से बचना चाहिए. व्रत से पूर्व लहसुन और प्याज का सेवन भी ना करें, कहते हैं ऐसा करने से श्री हरि विष्णु नाराज हो सकते हैं.

बता दें कि षटतिला एकादशी व्रत के इन नियमों के अलावा व्रत में अन्य नियमों का भी पालन किया जाता है. ज्ञात हो कि इस बार षटतिला एकादशी का व्रत शुक्रवार के दिन पड़ रहा है. सप्ताह के सातों दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित है, इसी तरह माता लक्ष्मी को शुक्रवार का दिन समर्पित है. इस दिन मां लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजन और व्रत किया जाता है. इस दिन भगवान श्री हरि विष्णु के साथ माता लक्ष्मी का पूजन करना उत्तम माना जा रहा है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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