Hanuman Chalisa Path Vidhi: हनुमान जी को प्रत्यक्ष देव कहा गया है. धार्मिक मान्यतानुसार कलियुग में इनकी पूजा अत्यंत लाभकारी मानी जाती है. कहा जाता है कि हनुमान जी (Hanuman Ji) की पूजा से सभी कार्य सिद्ध हो जाते हैं. मान्यता है कि मंगलवार (Mangalwar) को हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa) का पाठ करने से जीवन मंगलमय रहता है. यही कारण है कि मंगलवार को हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ (Hanuman Chalisa Path) करते हैं. कहा जाता है कि नियमित हनुमान चालीसा का पाठ करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. लेकिन अगर रोजाना हनुमान चालीसा का पाठ करने के बावजूद भी लाभ नहीं मिल रहा है तो ऐसे में हनुमान चालीसा की पाठ विधि (Hanuman Chalisa Path Vidhi) पर ध्यान देना चाहिए. ऐसा कहा जाता है. ऐसे में जानते हैं मंगलवार को हनुमान चालीसा का पाठ किस प्रकार किया जाता है.
हनुमान चालीसा पाठ विधि | Hanuman Chalisa Path Vidhi
मान्यतानुसार हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए सबसे पहले भगवान श्रीराम का ध्यान किया जाता है. कहा जाता है कि जो भक्त हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa) का पाठ करने से पहले श्रीराम का ध्यान और आवाह्न नहीं करते उन्हें इसका फल प्राप्त नहीं होता.
धार्मिक मान्यता के अनुसार हनुमान चालीसा का पाठ (Hanuman Chalisa Path) करने के लिए समय का निर्धारण करना जरूरी है. मन मुताबिक किसी भी समय हनुमान चालीसा का पाठ करने से कोई लाभ नहीं मिलता है. हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए उत्तम समय सुबह और शाम का होता है.
मान्यतानुसार हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए पवित्र स्थान का चयन करना चाहिए. पाठ के लिए पवित्र स्थान घर या मंदिर भी हो सकता है. इसके अलावा किसी तीर्थ स्थान पर भी हमुनान चालीसा का पाठ किया जा सकता है. इन जगहों के अलावा किसी अन्य स्थान पर हनुमान चालीसा का पाठ करने से कोई लाभ प्राप्त नहीं होता है. ऐसा कहा जाता है.
हनुमान चालीसा का पाठ की शुरुआत किसी मंगलवार (Tuesday) से की जा सकती है. इसके अलावा शनिवार (Saturday) के भी हनुमान चालीसा का पाठ शुरू किया जा सकता है. 11 मंगलवार या 11 शनिवार तक 21 बार हनुमान चालीसा का पाठ किया जा सकता है.
हनुमान चालीसा का पाठ करते हुए हनुमान जी पर विश्वास रखना बेहद जरूरी माना गया है. इस बात का उल्लेख हनुमान चालीसा में भी किया गया है- 'और देवता चित्त ना धरई, हनुमत सेई सर्व सुख करई'.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)