Solar Eclipse in india : अगर आप एस्टॉनोमिकल लवर हैं और आपको खगोलीय घटनाएं आकर्षित करती हैं तो यह खबर आपके लिए है. नए साल का आगाज हो चुका है. ऐसे में आपके लिए जानना जरूरी है कि इस साल कई एस्टॉनोमिकल घटनाएं लोगों को अट्रैक्ट करेंगी. उज्जैन के शासकीय जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक डॉ राजेंद्र प्रकाश गुप्ता के मुताबिक इस साल पृथ्वी, चंद्रमा और सूर्य की चाल दुनिया भर के एस्ट्रोनॉमीकल लवर्स को एक पूर्ण सूर्य ग्रहण समेत ग्रहण (Surya grahan 2023) के चार रोमांचक दृश्य दिखाएगी. हालांकि अगर आप भारत में हैं तो यहां केवल दो खगोलीय घटनाएं ही देखी जा सकेंगी. आपको बता दें कि इस साल ग्रहण का सिलसिला 20 अप्रैल को लगने वाले पूर्ण सूर्य ग्रहण से शुरू होगा.
क्या भारत में देखा जा सकेगा पहला ग्रहण
विशेषज्ञों के मुताबिक 20 अप्रैल को लगने वाला नए साल का पहला ग्रहण भारत में नहीं देखा जा सकेगा. भारत में दिखाई देने वाले चंद्र ग्रहण की बात करें तो 5 और 6 मई की दरमियानी रात को लगने वाला उपच्छायाचंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा. आपको बता दें कि उपच्छाया चंद्रग्रहण उस समय लगता है जब पृथ्वी की परिक्रमा कर रहा चंद्रमा पेनुम्ब्रा (धरती की परछाई का हल्का सा भाग) से होकर गुजरता है.
इस तारीख को है चंद्र ग्रहण
इस दौरान चंद्रमा पर पड़ने वाली सूर्य की रोशनी आंशिक तौर पर कटी हुई नजर आती है और चंद्रमा पर पड़ने वाली धुंधली सी परछाई के रूप में देखा जा सकता है. उपच्छाया चंद्र ग्रहण के वक्त पृथ्वी के लोगों को पूर्णिमा का चंद्रमा पूरा तो दिखाई देता है लेकिन उसकी चमक वैसी नजर नहीं आती. राजेंद्र प्रकाश गुप्ता के मुताबिक साल के इकलौते (Anular Solar Eclipse) यानी वलयाकार सूर्यग्रहण के नजारे से देश के खगोल प्रेमी वंचित रह जाएंगे क्योंकि यह घटना इंडियन स्टैंडर्ड टाइम के मुताबिक 14 से 15 अक्टूबर की दरमियानी रात में होगी. उनके मुताबिक 28 और 29 अक्टूबर की दरमियानी रात लगने वाला आंशिक चंद्रग्रहण देश में देखा जा सकेगा और इस एस्टॉनोमिकल इवेंट्स के वक्त चंद्रमा का 12.6 फ़ीसदी हिस्सा ढका हुआ नजर आएगा. आपको बता दें कि साल 2022 में दो पूर्ण चंद्रग्रहण और दो आंशिक सूर्यग्रहण का गवाह बना था.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)