Masik Durgaashtami 2025 : मई महीने में इस तारीख को मनाई जाएगी दुर्गाष्टमी, यहां जानिए शुभ मुहूर्त और विधि

यह व्रत करने से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है. इससे भक्तों की सारी मनोकामनाएं (Masik durgaashtami kab hai) पूर्ण होती हैं. ऐसे में आइए जानते हैं मई के महीने में किस दिन मनाई जाएगी दुर्गाष्टमी. 

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इस दिन मां दुर्गा के भक्त विधि-विधान से मां की पूजा अर्चना करते हैं, तो घर में सुख-समृद्धि आती है.

Masik durgashtami 2025 : मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत और पूजा करने से देवी दर्गा की विशेष कृपा होती है. इस दिन सच्चे मन से पूजा करने से घर में सकारात्मकता का संचार होता है और नकारात्मकता दूर होती है. यह व्रत करने से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती हैं. इससे भक्तों की सारी मनोकामनाएं (Masik durgaashtami kab hai) पूर्ण होती हैं. ऐसे में आइए जानते हैं मई के महीने में किस दिन मनाई जाएगी दुर्गाष्टमी.  मई की इस तारीख को रखा जाएगा मासिक शिवरात्रि, यहां जानिए मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

कब है दुर्गाष्टमी 2025 - When is Durgashtami 2025

मासिक दुर्गाष्टमी का शुभारंभ 04 मई 2025 दिन रविवार को सुबह 07 बजकर 18 मिनट से होगा, जो 05 मई 2025, सोमवार को सुबह 07 बजकर 35 मिनट पर समाप्त होगा. उदयातिथि के अनुसार, दुर्गाष्टमी वैशाख माह शुक्ल पक्ष के दिन 5 मई को मनाई जाएगी. 

मासिक दुर्गाष्टमी शुभ मुहूर्त 2025 - Monthly Durgashtami auspicious time 2025

  • ब्रह्म मुहूर्त 04 बजकर 08 मिनट ए एम से 04 बजकर 51 मिनट ए एम तक रहेगा
  • प्रातः सन्ध्या 04 बजकर 29 मिनट से ए एम से 05 बजकर 33 मिनट ए एम तक रहेगा.
  • अभिजित मुहूर्त 11 बजकर 47 मिनट से ए एम से 12 बजकर 40 मिनट पी एम तक रहेगा.
  • विजय मुहूर्त 02 बजकर 27 मिनट पी एम से 03 बजकर 21 मिनट पी एम तक रहेगा.
  • गोधूलि मुहूर्त 06 बजकर 53 मिनट पी एम से 07 बजकर 14 मिनट पी एम तक रहेगा.
  • सायाह्न सन्ध्या 06 बजकर 54 मिनट पी एम से 07 बजकर 58 मिनट पी एम तक रहेगा.
  • अमृत काल 12 बजकर 21 मिनट पी एम से 02 बजकर 01 मिनट पी एम तक रहेगा.
  • निशिता मुहूर्त 11 बजकर 52 मिनट पी एम से 12 बजकर 35 मिनट ए एम तक रहेगा  (06 मई)
  • रवि योग 02 बजकर 01 मिनट पी एम से 05 बजकर 33 मिनट ए एम, तक रहेगा (06 मई)

दुर्गाष्टमी का महत्व - Durgashtami significance 

दुर्गाष्टमी का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व होता है.  यह पर्व देवी दुर्गा के प्रति आस्था और श्राद्धा प्रकट करने के लिए होता है. मान्यतानुसार, अष्टमी के दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का वधकर संपूर्ण ब्रह्मांड को उसके अत्याचारों से बचाया था.

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इस दिन मां दुर्गा के भक्त विधि-विधान से मां की पूजा अर्चना करते हैं, तो घर में सुख-समृद्धि आती है. साथ ही जातक की सभी मनोकामनाएं भी पूर्ण होती हैं. 

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मासिक दुर्गा अष्टमी पूजन सामग्री

लाल वस्त्र, धूप एवं दीप,कुमकुम एवं अक्षत,फूल, नैवेद्य (फल एवं मिठाई), दूर्वा, अक्षत और  चंदन शामिल करें.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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