देवता की सवारी से लेकर दूत माना जाता है कुत्ता, जानें इसके बारे में क्या कहता है धर्मशास्त्र

Dogs in Hindu Mythology: सनातन परंपरा में कुत्ते को तमाम देवताओं से जोड़कर देखा जाता है, जबकि धर्मशास्त्र के अनुसार उसका न सिर्फ स्पर्श बल्कि दृष्टि भी दोष वाली मानी गई है. स्वामीभक्त और वफादार कहलाने वाले कुत्ते का आखिर धर्म और ज्योतिष से क्या जुड़ाव है, आइए इसे विस्तार से समझते हैं.

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Dog related Hindu deity: सनातन परंपरा में श्वान या फिर कहें कुत्ता (Dog) का जिक्र तमाम पौराणिक कथाओं में मिलता हैं. हिंदू धर्म में भगवान भैरव की सवारी माना जाने वाला कुत्ता भगवान दत्तात्रेय और यम देवता के साथ भी नजर आता है. हालांकि जिस कुत्ते को स्वामी भक्त माना जाता है, जिससे जुड़े कई तरह के ज्योतिष उपाय बताए गये हैं और जिसे पितृ पक्ष (Pitru Paksha) में विशेष रूप से भोजन दिया जाता है, धर्मशास्त्र में उसी कुत्ते के द्वारा ​कुछ चीजों का स्पर्श करना, उसे चाटना बहुत ज्यादा अशुभ माना गया है. उसके घर के भीतर प्रवेश करने से लेकर उसकी दृष्टि तक में दोष माना गया है, लेकिन फिर भी वह धर्म और इससे जुड़े देवताओं से कहीं न कहीं जुड़ा हुआ है. 

भगवान भैरव (Lord Bhairav)


हिंदू धर्म में कुत्ते को शिव के रुद्रावतार माने जाने वाले भगवान भैरव की सवारी बताया गया है. लोकमान्यता के अनुसार कुत्तों को भैरव देवता का प्रतीक मानकर पूजनीय भी माना गया है. यही कारण है कि देश में कई स्थानों पर कुत्ते का मंदिर भी है. कुत्तों पर आस्था रखने वालों का माना है कि कुत्ते की सेवा और पूजा से उन्हें भगवान भैरव का विशेष आशीर्वाद मिलता है और वह उन्हें तमाम तरह की आपदाओं से बचाए रखता है. 

भगवान दत्तात्रेय (Lord Dattatreya)


सनातन परंपरा में ब्रह्मा, विष्णु और भगवान शिव यानि त्रिमूर्ति के अवतार माने जाने वाले भगवान दत्तात्रेय के साथ भी कुत्ते कई तस्वीरों में नजर आते हैं. हिंदू मान्यता के अनुसार ये कुत्ते चार वेदों का प्रतिनिधित्व करते हैं. मान्यता है ये भी है कि ये चार कुत्ते युगों के साथ मनुष्य की चार अवस्थाओं यानि जागृति, स्वप्न, सुषुप्ति और तुरीय के भी प्रतीक हैं. 

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इंद्र देवता (Indra Devta)

हिंदू धर्म में इंद्र देवता के साथ भी एक मादा कुत्ते का जिक्र आता है. मान्यता है कि इंद्रदेव के इस माता कुत्ते का नाम सरमा था, जिसने राक्षसों के द्वारा चुराई गाय को वापस लाने में देवताओं की मदद की थी. सरमा को सभी कुत्तों की माता माना जाता है. मान्यता है कि उसकी संतानें यम की रक्षा में ​उनके साथ बने रहते हैं. 

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धर्मराज युधिष्ठिर (Yudhishthira)


महाभारत की कथा में धर्मराज यु​धिष्ठिर के साथ एक कुत्ते का प्रसंग मिलता है, जो कि उनके साथ स्वर्ग तक की यात्रा करता है. मान्यता ये भी है कि ये कुत्ता कोई आम कुत्ता नहीं बल्कि स्वयं भगवान यम थे. महाभारत की कथा के अनुसार स्वर्गारोहण के समय युधिष्ठिर कुत्ते के साथ चल रहे थे, जब वे उसके द्वार पर पहुंचे तो स्वर्ग के राजा इंद्रदेव ने उन्हें कुत्ते के साथ अंदर आने की इजाजत नहीं दी. जिस पर युधिष्ठिर ने वह अपने वफादार कुत्ते के बगैर स्वर्ग नहीं स्वीकार करेंगे. कहते हैं कि उसी समय यम देवता कुत्ते का शरीर छोड़कर अपने वास्तविक रूप में सामने आए और उन्होंने युधिष्ठिर की धर्म के प्रति निष्ठा देखते हुए उन्हें कुत्ते के साथ स्वर्ग में प्रवेश दिया. 

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ज्योतिष शास्त्र (Astrology)


ज्योतिष शास्त्र में गाय की तरह कुत्ते को भी महत्वपूर्ण प्राणी मानते हुए उससे जुड़े कई उपाय बताये गये हैं. हिंदू मान्यता के अनुसार पितरों की तृप्ति के लिए गाय, कौआ आदि के साथ कुत्ते को विशेष रूप से भोग लगाया जाता है. ज्योतिष के अके अनुसार कुत्ते को रोटी और बिस्कुट खिलाने से शनि ग्रह और केतु से संबंधित दोष दूर होते हैं. हालांकि यह रोटी घर के बाहर खिलाने के लिए कहा गया है. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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