हिंदू धर्म में सभी देवी देवताओं की आराधना-पूजा का दिन विशेष माना गया है. हनुमान जी की पूजा के लिए मंगलवार (Mangalwar) का दिन काफी महत्व रखता है. शास्त्रों में बताया गया है कि सिर्फ हनुमान जी का सुमरन करने से भर से ही सभी संकट और दुख दूर हो जाते हैं. माना जाता है कि मंगलवार के दिन हनुमान जी का व्रत आदि करने से ही भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं. साथ ही सूर्य भी मजबूत होता है. भगवान हनुमान जी को बल और बुद्धि का प्रतीक माना जाता है. रामायण में भी भगवान हनुमान को अहम स्थान दिया गया है. हनुमान जी अपने भक्तों के सारे कष्ट और बाधाएं दूर करने वाले देवता माने जाते हैं.
मान्यता है कि जो भी व्यक्ति मंगलवार के दिन सच्चे मन से पवनपुत्र हनुमान जी की पूजा-अर्चना करता है, उसके जीवन में सुख व शांति का वास हो जाता है और उसके जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं. हिंदू परंपरा के अनुसार, किसी भी भगवान की पूजा तब तक पूरी नहीं होती है, जब तक उनकी आरती न हो जाए. हनुमान जी की पूजा के अंत में उनकी आरती जरूर करनी चाहिए.
मंगलवार को करें हनुमान जी की आरती
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।
जाके बल से गिरिवर कांपे। रोग दोष जाके निकट न झांके।।
अंजनि पुत्र महाबलदायी। संतान के प्रभु सदा सहाई।
दे बीरा रघुनाथ पठाए। लंका जारी सिया सुध लाए।
लंका सो कोट समुद्र सी खाई। जात पवनसुत बार न लाई।
लंका जारी असुर संहारे। सियारामजी के काज संवारे।
लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे। आणि संजीवन प्राण उबारे।
पैठी पताल तोरि जमकारे। अहिरावण की भुजा उखाड़े।
बाएं भुजा असुर दल मारे। दाहिने भुजा संतजन तारे।
सुर-नर-मुनि जन आरती उतारे। जै जै जै हनुमान उचारे।
कंचन थार कपूर लौ छाई। आरती करत अंजना माई।
लंकविध्वंस कीन्ह रघुराई। तुलसीदास प्रभु कीरति गाई।
जो हनुमानजी की आरती गावै। बसी बैकुंठ परमपद पावै।
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)