Plant worship rules : हिन्दू धर्म में कई ऐसे पेड़ पौधे हैं जिनमें देवी-देवताओं का वास होता है, जैसे तुलसी के पौधे में मां लक्ष्मी, पीपल के पेड़ में ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास होता है और शमी के पौधे में शनिदेव विराजमान होते हैं. इसी वजह से ये पेड़-पौधे पूजनीय होते हैं. लेकिन इनकी पूजा करने के भी कुछ नियम-कानून हैं जिन्हें जानना बेहद जरूरी है, अन्यथा ये लाभ की जगह हानि पहुंचा सकते हैं. इस आर्टिकल में हम जानेंगे की रविवार के दिन किन धार्मिक पेड़-पौधों (religious plants puja rules) की पूजा पाठ नहीं करनी चाहिए.
रविवार के दिन न करें इन पौधों की पूजा | Do Not Worship These Plant On Sunday
- सबसे पहले बात करते हैं तुलसी की. यह एक ऐसा पौधा है जो घर के आंगन में, छत पर या बालकनी में गमले लगा जरूर मिल जाएगा. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार तुलसी में देवी लक्ष्मी विराजमान होती हैं. मान्यताओं के अनुसार रविवार और एकादशी के दिन तुलसी में जल नहीं चढ़ाया जाता है और न ही तुलसी की पत्ती तोड़ते हैं. इसके पीछे का कारण है कि इस दिन मां लक्ष्मी का उपवास होता है जिसके कारण उन्हें जल नहीं अर्पित किया जाता है.
- शमी का पौधा शनिदेव को समर्पित है इसलिए इसकी पूजा मुख्य रूप से शनिवार के दिन की जाती है. रविवार का दिन सूर्य देव को समर्पित है इसलिए इस दिन शमी के पेड़ की पूजा न करें.
- वैसे तो पीपल के पेड़ में ब्रह्मा, विष्णु और महेश विराजमान होते हैं. लेकिन रविवार के दिन इसमें दरिद्रता का वास होता है. जिसकी वजह से इस दिन पीपल के पेड़ के नीचे भी लोग जाने से परहेज करते हैं. इस दिन गलती से भी पीपल के पेड़ की पूजा नहीं करनी चाहिए, नहीं तो घर में आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)