Dharma Dhwaja: किस देवता के लिए कौन सी ध्वजा फहराई जाती है? जानें इसके दर्शन और पूजन का पुण्यफल

Significance of temple flag: सनातन पंरपरा से जुड़े किसी भी देवालय में जाने पर आपको उसके उपर धर्म ध्वजा लहराती हुई जरूर नजर आती है. मंदिर के शिखर पर फहराई जाने वाली इस धर्म ध्वजा का क्या महत्व होता है? क्या अलग-अलग देवी-देवताओं के अलग-अलग ध्वज होते हैं? ध्वज के दर्शन और पूजन का पुण्यफल जानने के लिए जरूर पढ़ें ये लेख.

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Hindu Temple Flag: धर्म ध्वजा किसे कहते है और क्या है इसका महत्व?
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Hindu Temple Flag Significance: सनातन परंपरा में ध्वज का अत्यधिक महत्व माना गया है. मंदिर के शिखर पर फहराई जाने वाली कोई भी धर्म ध्वजा उस देवालय में विराजमान देवी या देवता की वहां पर मौजूदगी का प्रतीक चिन्ह होती है. कहने का तात्पर्य यह है कि यदि मंदिर के बाहर किसी देवी या देवता का नाम न लिखा हो तो आप उस ध्वजा को देखकर उस देवालय के प्रधान देवता के बारे में जान सकते हैं. हिंदू मान्यता के अनुसार धर्म ध्वजा उस पवित्र ईश्वरीय स्थान का प्रतीक होती है, जहां पर जाने मात्र से व्यक्ति को आत्मिक शांति प्राप्त होती है.

किस देवता की कौन सी ध्वजा

जिस प्रकार सभी देवी-देवताओं के अपनी-अपनी एक सवारी और अपने-अपने अस्त्र होते हैं, उसी प्रकार उनसे संबंधित ध्वज भी अलग-अलग होते हैं. जिन्हें दूर से ही देखकर आप उस देवता के पावन धाम को पहचान सकते हैं. आइए जानते है किस देवता का कौन सा ध्वज होता है.

भगवान गणेश जी - प्रथम पूजनीय माने जाने वाले गणपति की ध्वजा का रंग सफेद होता है और उसमें उनकी सवारी मूषक का चिन्ह बना हुआ होता है.

भगवान शिव - भगवान शिव के लिए भी सफेद रंग की ध्वजा लगाई जाती है और इसे वृषभ ध्वजा कहते हैं. इसमें उनकी सवारी बैल अंकित होता है.

हनुमान जी - हनुमान जी के लिए केसरिया ध्वजा लगाई जाती है. जिसमें अक्सर उनकी तस्वीर के साथ गदा अंकित होता है.

भगवान जगन्नाथ - भगवान जगन्नाथ जी के मंदिर में अर्ध चंद्र ध्वजा फहराई जाती है.

भगवान राम - भगवान राम के मंदिर फहराई जाने वाली ध्वजा में कोविदार वृक्ष और ॐ के साथ सूर्य बना होत है क्योंकि भगवान राम सूर्यवंशी थे.

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देवी दुर्गा - हिंदू मान्यता के अनुसार देवी दुर्गा के मंदिरों में सिंह ध्वजा लगाई जाती है. यह लाल रंग की होती है.

भगवान विष्णु - जगत के पालनहार कहलाने वाले भगवान विष्णु की ध्वजा पीले रंग की होती है, जिसमें उनकी सवारी गरुण का चिन्ह बना रहता है.

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ब्रह्मा जी - परमपिता ब्रह्मा जी की ध्वजा को हंस ध्वजा कहते हैं.

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भगवान कार्तिकेय - भगवान कार्तिकेय जी की ध्वजा को मयूर ध्वजा कहते हैं.

धर्म ध्वजा से ही मिल जाता है देव दर्शन का पुण्यफल

मंदिर के शिखर पर लगी ध्वजा सकारात्मक और दिव्य दैवीय शक्ति का प्रतीक होती है. हिंदू मान्यता के अनुसार यदि आप किसी कारणवश किसी देव स्थान के भीतर जाकर उसमें प्रतिष्ठित देवी या देवता के दर्शन न कर पाएं तो उसके ध्वज और शिखर का दर्शन करके पूरा पुण्यफल प्राप्त कर सकते हैं.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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