Dhanteras Puja: इस साल धनतेरस का पर्व आज 29 अक्टूबर, मंगलवार के दिन मनाया जा रहा है. धनतेरस को धन त्रयोदशी (Dhan Trayodashi) के नाम से भी जाना जाता है. पंचांग के अनुसार, प्रतिवर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर धनतेरस पड़ता है. आज धन्वंतरि जयंती भी और इस दिन कई वर्षों के बाद भौम प्रदोष व्रत भी रखा जा रहा है. ऐसे में धनतेरस का महत्व और भी बढ़ गया है. श्री वल्लभराम शालिग्राम सांग्वेद विश्वविद्यालय के अध्यक्ष श्री विश्वेश्वर शास्त्री द्राविड़ जी ने बताया कि धनतेरस पर किस तरह मां लक्ष्मी (Ma Lakshmi) का पूजन किया जा सकता है और कौनसे काम करने अत्यधिक शुभ माने जाते हैं. विशेश्वर शास्त्री गणेश्वर शास्त्री के भाई हैं. गणेश्वर शास्त्री द्राविड़ ने ही अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन और शिलान्यास का मुहूर्त निकाल था और पूजन करवाया था.
धनतेरस पर किस तरह करें पूजा | Dhanteras Puja Vidhi
श्री विश्वेश्वर शास्त्री द्राविड़ के अनुसार धनतेरस को धन त्रयोदशी भी कहते हैं और धन प्राप्ति के लिए ही इस दिन पूजा-अर्चना की जाती है. इस दिन शाम के समय सबसे पहले यम के नाम का दीपक जलाया जाता है जिससे अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है. यह चार मुख वाला दीया होता है और इसे यम का दीपक कहा जाता है.
इसके अतिरिक्त मां लक्ष्मी के समक्ष दीपक जलाया जाता है. इस दिन खीर बनाना बेहद शुभ माना जाता है और माता के समक्ष अर्पित किया जाता है. पंडित जी का कहना है कि यम के दीप को सबसे पहले जलाएं और यम के दीप को धनतेरस पर ना जलाने पर जीवन में संकट आते हैं. इसके अलावा, धनतेरस पर घर में जो भी संपत्ति हो उसकी पूजा की जाती है.
बन रहा है त्रिग्रही योग
धनतेरस पर इस साल त्रिग्रही योग (Trigrahi Yog) का शुभ संयोग भी बन रहा है. आज त्रिपुष्कर, इंद्र, वैधृति योग और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र का महासंयोग भी बन रहा है. ऐसे में धनतेरस पर विधिवत पूजा संपन्न करने पर घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली आ सकती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)