Date and Muhurat of Dhanteras; हिंदू धर्म में दिवाली सबसे प्रमुख त्योहारों में शामिल है. कार्तिक अमावस्या को मनाए जाने वाले त्योहार दिवाली के दो दिन पहले कार्तिक शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस (Dhanteras) मनाया जाता है. धनतेरस से दिवाली का पांच दिवसीय त्योहार शुरू हो जाता है. धनतेरस को भगवान धन्वंतरी, भगवान कुबेर और देवी लक्ष्मी (Goddess Lakhmi ) की विधि विधान से पूजा की जाती है. मान्यता है कि धनतेरस को विधि विधान से पूजा करने और खरीदारी करने से जीवन में सुख और समृद्धि में वृद्धि होती है और देवी लक्ष्मी की असीम कृपा प्राप्त होती है. आइए जानते हैं कब है धनतेरस और धनतेरस को पूजा और खरीदारी का मुहूर्त (Date and Muhurat of Dhanteras).
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कब है धनतेरस
इस वर्ष कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 29 अकटूबर को सुबह 10 बजकर 31 मिनट से शुरू होकर 30 अक्टूबर को दोपहर 1 बजकर 15 मिनट तक रहेगी. 29 अक्टूबर मंगलवार को धनतेरस की पूजा की जाएगी.
धनतेरस पूजा का मुहूर्त
29 अक्टूबर मंगलवार को शाम को 5 बजकर 38 मिनट से रात के 8 बजकर 13 मिनट तक प्रदोष काल रहेगा और शाम 6 बजकर 31 मिनट से रात 8 बजकर 31 मिनट तक गोधुली रहेगा. धनतेरस की पूजा शाम 6 बजकर 31 से रात के 8 बजकर 13 मिनट तक किया जा सकता है.
धनतेरस को खरीदारी का मुहूर्त
इस बार धनतेरस पर अति शुभ योग त्रिपुष्कर बन रहा है. इस योग में खरीदारी बहुत शुभ मानी जाती है. पहला मुहूर्त 29 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 31 मिनट से 10 बजकर 31 मिनट तक है. दूसरा मुहूर्त सुबह 11 बजकर 42 मकनट से 12 बजकर 27 मिनट तक है. धनतेरस को सोना चांदी जैसे धातु से लेकर बरतन, आभूषण, वाहन की खरीदारी शुभ होती है.
धनतेरस को क्या करें क्या न करें
धनतेरस को भगवान धन्वंतरी, भगवान कुबेर और देवी लक्ष्मी की विधि विधान से पूजा करने के साथ साथ खरीददारी करनी चाहिए. इस दिन कर्ज लेने और देने से बचना चाहिए. पूजा के पहले पूरे घर और पूजा घर की अच्छे से साफ सफाई करना चाहिए. धनतेरस के दिन कोध्र और नकारात्मकता से भी दूर रहना चाहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)