Gol Baati Deepak: हिन्दू धर्म में भगवान की पूजा (Puja) करते समय घी और तेल के दीपक (deepak) जलाने का नियम है और इसे बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है. कहा जाता है कि भगवान की पूजा दीपक के बगैर अधूरी मानी जाती है. कुछ लोग लंबी बाती का दीपक जलाते हैं और कुछ लोग गोल बाती (Gol Batti Deepak) का. गोल बाती के दीपक के लिए कहा जाता है कि इसे कुछ खास जगहों पर ही जलाना चाहिए. चलिए जानते हैं कि गोल बाती के दीपक को जलाने के खास नियम क्या हैं और किन-किन देवी-देवताओं के आगे गोल बाती के दीपक को प्रज्जवलित नहीं करना चाहिए.
गोल बाती का दीपक क्या है
गोल बाती का दीपक बहुत ही खास होता है. इसकी बाती छोटी और गोल होती है. आम भाषा में इसे फूल बाती का दीपक भी कहा जाता है. कहते हैं कि गोल बाती का दीपक जलाने से घर में स्थिरता और संपन्नता आती है. इसे पूजा के समय सुबह शाम जलाने से घर में सुख समृद्धि और वैभव आता है और पूजा के सभी शुभ फलों की प्राप्ति होती है.
इन देवताओं के आगे गोल बाती का दीपक जलाना है शुभ
गोल बाती के दीपक के बारे में कुछ खास नियम बताए गए हैं. कहा जाता है कि इसे हर देवी-देवता की मूर्ति के आगे जलाया नहीं जा सकता. गोल बाती के दीपक को भगवान विष्णु, भगवान शिव की मूर्ति के आगे जलाना चाहिए. इससे दोनों देव प्रसन्न होते हैं. इसके साथ-साथ आप इंद्रदेव और ब्रह्मा जी की मूर्ति के आगे भी इसे जला सकते हैं.
देवी मां के आगे नहीं जलाना चाहिए गोल बाती का दीपक
नवरात्रि में देवी दुर्गा के आगे और मां लक्ष्मी के आगे भी गोल बाती का दीपक नहीं जलाना चाहिए. ऐसा करने पर देवी मां रुष्ट हो सकती हैं. अगर आप ऐसा करते हैं तो आपके घर से रूठकर लक्ष्मी हमेशा के लिए जा सकती है. अगर आपको देवी दुर्गा और मां लक्ष्मी के आगे दीपक जलाना है तो आपको लंबी बाती के दीपक को इस्तेमाल करना चाहिए. इसके साथ-साथ गोल बाती के दीपक के बारे में मान्यता है कि इसे भूलकर भी पितरों की फोटो या तस्वीर के आगे नहीं जलाना चाहिए. ऐसा दीपक जलाने से पितर रुष्ट हो जाते हैं और घर में दरिद्रता फैल जाती है. अगर आप पितरो के आगे गोल बाती का दीपक जलाते हैं तो इससे आप के परिवार के सदस्यों की सेहत खराब हो सकती है और उनकी तरक्की पर रोक लग सकती है. इसलिए पितरों के आगे इसे जलाने से बचें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)