Choti Diwali 2025: कार्तिक मास में पड़ने वाले दीपावली पंचमहापर्व की शुरुआत कल धनतेरस से हो चुकी है और आज उसके दूसरे दिन छोटी दिवाली या फिर कहें नरक चतुर्दशी का पर्व मनाया जा रहा है. हिंदू मान्यता के अनुसार कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली चतुर्दशी का बहुत बहुत ज्यादा महत्व माना गया है क्योंकि इस दिन यम देवता के लिए विशेष दिया जलाने से साधक को यम यातना से मुक्ति मिलती है तो वहीं रुद्रावतार हनुमान जी की पूजा करने से बल-बुद्धि और विद्या का वरदान मिलता है. आइए जानते हैं कि छोटी दिवाली के दिन किन देवी-देवताओं की पूजा करने जीवन से जुड़े कष्ट दूर और कामनाएं पूरी होती हैं.
1. काली माता की पूजा
कार्तिक मास की चतुर्दशी को काली चौदस के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन मां काली की विशेष पूजा की जाती है. इसे श्यामा पूजा के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन देवी दुर्गा के कालरात्रि स्वरूप की विशेष पूजा होती है. दीपावली से एक दिन पहले यानि छोटी दिवाली के दिन की जाने वाली शक्ति के इस पावन स्वरूप की पूजा विशेष रूप से गुजरात में देर रात को की जाती है.
2. हनुमान जी की पूजा
हिंदू मान्यता के अनुसार नरक चतुर्दशी को हनुमान जी की पूजा के लिए विशेष फलदायी माना गया है. दक्षिण भारत में लोग इसे हनुमान जयंती के रूप में मनाते हैं. मान्यता है कि इस दिन हनुमान जी को सिंदूर का चोला चढ़ाने और उनकी पूजा में चालीसा का सात बार पाठ करने से सभी कष्ट दूर और कामनाएं पूरी होती है.
3. भगवान कृष्ण की पूजा
हिंदू मान्यता के अनुसार कार्तिक मास के कृष्णपक्ष की चतुर्थी के दिन ही भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर नाम के राक्षस का वध करके 16100 महिलाओं का कैद से मुक्त कराया था. मान्यता है कि नरक चतुर्दशी के दिन जो कोई व्यक्ति सच्चे मन से पूर्णावतार श्री कृष्ण भगवान की पूजा करता है वह सभी मुश्किलों से उबर कर सुख-सौभाग्य की प्राप्ति करता है.
4. यम देवता की पूजा
दिवाली के पांच दिनों में धन त्रयोदशी और नरक चतुर्दशी और भाई दूज का दिन यम देवता से किसी न किसी रूप में जुड़ा हुआ है. हिंदू मान्यता के अनुसार नरक चतुर्दशी के दिन घर के बाहर दक्षिण दिशा में आटे का चौमुखा दीया जलाना चाहिए और उसे जलाने के बाद किसी चौराहे पर रख आना चाहिए. मान्यता है कि इस उपाय को करने से व्यक्ति यम के प्रकोप और नर्क की पीड़ा से बचा रहता है.
5. शिव-पार्वती की पूजा
हिंदू मान्यता के अनुसार चतुर्दशी तिथि का संबंध देवों के देव महादेव यानि भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के लिए समर्पित है. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने पर साधक को सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है. ऐसे में आज प्रदोष काल में भगवान शिव और माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)