Chhath Puja Usha Arghya 2025: आज उषा अर्घ्य के साथ पूरा होगा छठ व्रत, जानें शुभ मुहूर्त, पारण और पूजा विधि 

Chhath Puja Usha Arghya 2025:कार्तिक मास के शुक्लपक्ष में चतुर्थी से प्रांरभ हुआ चार दिवसीय छठ महापर्व आज भगवान सूर्य को उषा अर्घ्य देने के साथ ही पूर्ण हो जाएगा. सनातन परंपरा में जिस छठ पूजा को पुत्र प्राप्ति का यज्ञ भी कहा जाता है, उसमें आज सुख-सौभाग्य की कामना के लिए किस समय करें सूर्य की पूजा एवं पारण, जानने के लिए पढ़ें ये लेख.

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Chhath Puja Usha Arghya 2025: उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही पूर्ण होगा छठ महाव्रत
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Chhath Puja Usha Arghya 2025: भगवान भास्कर और छठी मैया को समर्पित चार दिवसीय छठ महापर्व का आज चौथा और आखिरी दिन है. आज जैसे ही सूर्य देवता की किरणें जल को स्पर्श करती हैं, उसी समय इस कठिन व्रत को करने वाला व्यक्ति ठंडे पानी के भीतर खड़े होकर उषा अर्घ्य देते हुए अपने पूरे परिवार के लिए मंगलकामना करता है. छठ महापर्व की यह पूजा अमूमन किसी जल तीर्थ, तालाब या जल स्थान पर की जाती है. उषा अर्घ्य के देते ही कार्तिक मास के शुक्लपक्ष में चतुर्थी से प्रांरभ हुआ चार दिवसीय छठ महापर्व आज पूरा हो जाएगा. आइए छठ पूजा के आखिरी दिन की पूजा एवं पारण विधि का महत्व जानते हैं. 

उषा अर्घ्य का शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार आज दिनांक 28 अक्टूबर 2025 को कार्तिक मास के शुक्लपक्ष की षष्ठी तिथि प्रात:काल 07:59 बजे तक रहेगी और छठ पूजा को पूर्ण करने वाला विशेष उषा अर्घ्य देने का शुभ समय यानि सूर्योदय का समय प्रात:काल 06:04 से लेकर 6:45 बजे तक रहेगा. 

छठ व्रत का पारण 

छठ पूजा के चौथे दिन आज इस कठिन व्रत का पारण भी होता है. जिसमें लगातार 36 घंटे तक निर्जल व्रत करने वाला साधक भगवान सूर्य को उषा अर्घ्य देने के बाद सबसे पहले पवित्र जल ग्रहण करता है. इसके बाद प्रसाद े रूप में ठेकुआ, खीर, फल आदि का सेवन करता है. पारण के साथ ही चार दिनों का यह व्रत संपूर्ण हो जाता है. 

छठ पूजा का धार्मिक महत्व 

सनातन परंपरा में छठ पूजा को पु​त्रेष्टि यज्ञ के समान माना गया है. मान्यता है कि जिन लोगों को संतान नहीं होती है, उसे इस व्रत के पुण्य प्रताप से संतान सुख की प्राप्ति होती है. वहीं यह व्रत ​संतान की सुख-समृद्धि का आशीर्वाद भी दिलाता है. हिंदू मान्यता के अनुसार छठ पूजा के शुभ प्रभाव से साधक को सुख-समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है. ज्योतिष के अनुसार छठ व्रत के शुभ प्रभाव से कुंडली में नवग्रहों के राजा की स्थिति मजबूत होती है और जातक उसके शुभ फल को प्राप्त करता है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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