Chhath Puja 2024: दिवाली के बाद छठ पूजा की तैयारियां शुरू हो गई हैं. इस बार छठ पूजा की शुरुआत 5 नवंबर मंगलवार को नहाय खाय से हो चुकी है. इसके बाद 6 नवंबर, बुधवार को खरना, 7 नवंबर, गुरुवार को डूबते सूर्य को अर्घ्य और 8 नवंबर, शुक्रवार को उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ व्रत की समाप्ति होगी. छठ पूजा में खास प्रकार के प्रसाद और कई तरह के फलों का प्रसाद चढ़ाया जाता है. मान्यता है कि छठी मैया इन खास तरह के प्रसाद व फलों के भोग से अत्यंत प्रसन्न होती हैं. छठ पूजा में खास प्रसाद (Prasad) और कई तरह के फलों का प्रसाद चढ़ाया जाता है. मान्यता है कि छठी मैया को इन चीजों का प्रसाद लगाने पर वे प्रसन्न होती हैं.
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छठ पूजा में चढ़ाए जाने वाले प्रसाद | Chhath Puja Prasad
ठेकुआछठ की पूजा में आटे, गुड़ और घी से बनने वाला ठेकुआ (Thekua) जरूर चढ़ाया जाता है. इस प्रसाद को तैयार करने के लिए गेहुं की साफ-सफाई से लेकर गाय के शुद्ध घी, सभी के चयन में पूरी सावधानी रखी जाती है. गुड़ शरीर का गर्म रखने में मदद करता है और छठ के साथ ही ठंड की शुरुआत हो जाती है. इस समय गुड़ का सेवन वैज्ञानिक रूप से भी अच्छा माना जाता है.
छठी मैया के प्रिय फलों में केला शामिल है. छठ की पूजा में भगवान विष्णु को भी प्रिय फल केले का प्रसाद जरूर चढ़ता है. छठ के लिए केले को घर में लाकर पकाया जाता है ताकि पक्षी केले को झूठा न कर दें.
इस विशेष प्रकार के बड़े आकार के नींबू को छठ पूजा में प्रसाद के रूप में शामिल किया जाता है. इसके आकार और खट्टे-मीठे स्वाद के कारण पक्षी इसे खा नहीं पाते हैं और यह शुद्ध रूप में प्रसाद में शामिल होता है.
नारियल को बहुत शुभ फल माना जाता है और इसे पूजा-पाठ में शामिल किया जाता है. छठ में भी नारियल को प्रसाद के रूप में जरूर चढ़ाया जाता है.
गन्ना छठी मैया को अत्यंत प्रिय है. छठ में गन्ने (Sugarcane) का घर बनाकर उसमें छठ माता की पूजा की जाती है. प्रसाद के रूप में गन्ना चढ़ाने से छठी माता अत्यंत प्रसन्न होती हैं.
छठ में पानी में उगने वाले सिंघाड़ा, मिट्टी के नीचे उगने वाली सुथनी और सुपारी को भी प्रसाद के रूप में शामिल किया जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)