इन स्वादिष्ट व्यंजनों के बिना अधूरी है छठ पूजा की थाली, ठेकुआ से लेकर कद्दू-भात तक हर पकवान है खास

Chhath Puja 2023: इस साल 19 नवंबर से छठ की पूजा की जाएगी. पूरे देश में छठ का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि छठ की थाली में कौन-कौन सा प्रसाद रखना जरूरी है.

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Chhath Puja 2023: छठ पूजा की थाली में होते हैं ये प्रसाद.

Chhath Puja 2023 : हर वर्ष कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष के पष्ठी तिथि को सूर्य अराधना का महापर्व छठ (Chhath Puja) मनाया जाता है. इस दिन अस्ताचल सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है जबकि अगली सुबह उदयाचल सूर्य देव (Lord Surya) को अर्घ्य दिया जाता है.  कार्तिक महीने  के शुक्ल पक्ष के चतुर्थी तिथि को नहाए खाए से इस महापर्व की शुरुआत होती है. अगले दिन यानी पंचमी को खरना और पष्ठी को अस्ताचल सूर्य नमन और सप्तमी को उदयादन सूर्य नमन के साथ यह महापर्व समाप्त होता है. आइए जानते हैं जानते है छठ महावर्प पर बनते हैं कौन कौन से खास व्यंजन (Special recipes on Chhath).

इन पकवानों के बिना अधूरी है छठ पूजा की थाली | Chhath 2023 Puja Thali And Recipe

छठ पूजा की तिथि 

इस वर्ष कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष के पष्ठी तिथि 19 नवबंर रविवार को है. इसलिए  17 नवंबर शुकवार को नहाए खाए,  18 नवंबर शनिवार को खरना, 19 को डूबते  सूर्य को अर्घ्य और, 20 को उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा.

छठ में बनाए जाने वाले खास व्यंजन

कद्दूभात 

नहाए खाए के दिन बगैर लहसुन प्याज के दाल चावल और कद्दू की सब्जी बनाई जाती है. खास देसी घी में इस कद्दू की सब्जी का छौंक लगाया जाता है.

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पूड़ी और हरे चने की सब्ज़ी 

हर छठी व्रत की थाली में कद्दू की सब्जी के साथ-साथ देसी घी में तली हुई पुड़िया और हरे चने की सब्जी जरूर मिलेगी. छठ के मौके पर हरे चने की सब्जी बनाना शुभ माना जाता है. 

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चावल और गुड़ की खीर 

दूसरे दिन खरना के लिए संध्या में प्रसाद के लिए गुड़ और चावल की खीर और पूड़ी बनाई जाती है और व्रती उसे ग्रहण करते हैं. इसके साथ ही परिजनों और मित्रों को भी यह प्रसाद खिलाया जाता है.

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विशेष प्रसाद ठेकुआ 

छठ में आटे और गुड़ से विशेष प्रसाद ठेकुआ तैयार किया जाता है. इसके लिए शुद्धता का पूरा ध्यान रखकर गेहूं से आटा पिसवाने के बाद उसे गुड़ की चाशनी से गूंथा जाता है और ठेकुए के आकार में घी में तला जाता है. इसे खजुरिया या ठिकारी भी कहते हैं.

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पारण के दिन कढ़ी-चावल और आलू के बजके 

36 घंटे के निर्जला व्रत के बाद व्रतियों के पारण के लिए कढ़ी चावल के साथ आलू के बजके बनाए जाते हैं. इसके साथ ही तरह तरह की हरी सब्जियों से व्रती की थाली भरी जाती है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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