Chhath puja 2022 Samagri: लोक आस्था का सबसे बड़ा पर्व छठ पूजा आज से शुरू हो रही है. इस क्रम में पहले दिन यानी आज नहाय-खाय प्रक्रिया पूरी की जाएगी. इसके बाद 29 अक्टूबर को खरना पूजा की जाएगी. 30 अक्टूबर को डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. इसके अलगे दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर छठ पर्व का समापन होगा. छठ पूजा के लिए पूजन सामग्री की लिस्ट पहले से तैयार कर लेना जरूरी होता है. अगर आप पहली बार छठ पूजा करने जा रहे हैं तो ऐसे में पूजन के लिए पहले से सामग्री एकत्र कर लेना अच्छा रहेगा. आइए जानते हैं कि छठ पूजा में किन-किन सामग्रियों की जरूरत होती है. साथ ही किन सामग्रियों को पहले से व्यवस्थित कर लेना अच्छा रहेगा.
छठ पूजा 2022 पूजा सामग्री लिस्ट | Chhath puja Samagri
छठ पूजा में छठी मैया और सूर्य देव के निमित्त प्रसाद और परवान को रखने के लिए सूप या दउरा की जरूरत होती है. इसके साथ ही इसका इस्तेमाल पूजन सामग्री को धोने के लिए भी किया जाता है.
छठी मैया की पूजा के लिए बांस का डाला लेना बेहद जूरूरी होता है. इसमें पूजन की सामग्री को बांधाकर छठ घाट पर ले जाते हैं.
छठी मैया का प्रसाद बनाने के लिए चावल की जरूरत होती है. चावल के आटे को शुद्धता के साथ तैयार करके ठेकुआ बनाया जाता है. इसके साथ ही गेहूं को साफ करके उसके आटे से पूड़ी बनाई जाता है. इसके अलावा अन्य पकवान भी बनाए जाते हैं.
छठ घाट पर सूर्य देव को अर्घ्य देने के लिए एक ग्लास या लोटा की अवश्यकता होती है. पीतल का लोटा या ग्लास हो तो बेहतर है.
छठी मैया का प्रसाद बनने के लिए चीनी की जगह गुड़ का इस्तेमाल किया जाता है. ऐसे में पूजन की सामग्री में साफ गुड़ को भी शामिल करें.
छठ घाट पर दूध और जल इत्यादि रखने के लिए ग्लास, लोटा और थाली की जरूरत पड़ती है. ऐले में इसकी व्यवस्था पहले से करें.
मिठाई में लड्डू, पीले रंग के मिठाई, शहद इत्यादि की व्यवस्था कर सकते हैं.
पकवान बनाने के लिए सूजी और मैदा की जरूरत पड़ती है. ऐसे में इसकी व्यवस्था पहले से कर लेना अच्छा रहेगा.
सूर्यदेव और छठी मैया की पूजा के लिए पूजन सामग्री के तौर पर अक्षत, सिंदूर, धूप, दीप, तेल, कुमकुम और कपूर आदि की व्यवस्था कर लें.
छठी मैया को चढ़ाने के लिए फल में केला, नारियल, नाशपाती, शरीफा, सेब, संतरा, नींबू, सुथनी, शकरकंदी बैंगन, मूली, इत्यादि.
इसके साथ ही पूजा के लिए चार मुखी दीपक, छोटे दीप, कपड़े या रूई की बाती, दीप में देने के लिए तेल इत्यादि.
केराव की आवश्यकता छठ पूजा में सबसे अधिक होती है. दरअसल केराव का इस्तेमाल कथा सुनने के बाद प्रसाद के रूप में किया जाता है. साथ ही इसका सेवन करके ही व्रत का पारण किया जाता है.
हल्दी, मूली, अदरक का हरा पौधा, पत्ते वाले 7 गन्ने (5 गन्ने छठ घाट के लिए और 2 प्रसाद के लिए).
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)