Chhath Puja 2021: जानें इस साल कब है छठ पूजा? नोट कर लें तारीख व पूजा विधि

Chhath Puja Date 2021: छठ पूजा बेहद खास होती है. यह त्योहार चार दिनों तक चलता है. छठ पूजा कार्तिक महीने की छठवें मनाया जाता है. यह त्योहार नहाय खाय के साथ शुरू होता है.

विज्ञापन
Read Time: 11 mins
Chhath Puja 2021: कैसे करें छठ पूजा, जानें पूजा विधि
नई दिल्ली:

हिन्दू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ पूजा की जाती है. यह त्योहार नहाए खाय के साथ शुरू होता है, चार दिनों तक चलता है. छठ पूजा एक लोकपर्व है. मुख्य रूप से यह पर्व बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल के अलावा नेपाल के तराई क्षेत्र में बड़ी धूम-धाम के साथ मनाया जाता है. इस पर्व में छठ माई और सूर्य देवता की उपासना की जाती है. छठ पूजा बेहद खास होती है. यह त्योहार चार दिनों तक चलता है. इस साल छठ पूजा पर्व 10 नवंबर, 2021 को है. हालांकि, त्योहार 8 नवंबर से शुरू हो जाएगा, जो 11 नवंबर को समाप्त होगा. यह पर्व देश और दुनिया में अपनी खास पहचान के साथ बेहद लोकप्रिय है.

Chhath Puja 2021: जानिये छठ पूजा की पूजन विधि 

चार दिनों तक चलता है छठ महापर्व

छठ पूजा पर्व चार दिनों तक चलता है. यह व्रत नहाय खाय के साथ शुरू होता है. इस बार नहाय खाय 8 नवंबर को है. उसके अगले दिन 9 नवंबर को खरना की परंपरा है, फिर 10 नवंबर को अतचलगामी सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है और उसकी अगली सुबह 11 नवंबर को सूर्योदय के समय अर्घ्य देने का विधान है. तब जाकर व्रत का पारण किया जाता है.

छठ पूजा की सामग्री (Chhath Puja Samagri)

पहनने के लिए नए कपड़े, दो से तीन बड़ी बांस से टोकरी, सूप, पानी वाला नारियल, गन्ना, लोटा, लाल सिंदूर, धूप, बड़ा दीपक, चावल, थाली, दूध, गिलास, अदरक और कच्ची हल्दी, केला, सेब, सिंघाड़ा, नाशपाती, मूली, आम के पत्ते, शकरगंदी, सुथनी, मीठा नींबू (टाब), मिठाई, शहद, पान, सुपारी, कैराव, कपूर, कुमकुम और चंदन.

Advertisement

Chhath Puja 2021: छठ पूजन में इन सामग्रियों को करें शामिल 

छठी मइया की पूजा विधि (Chhath Puja Vidhi)

  • नहाय-खाय के दिन सभी व्रती सिर्फ शुद्ध आहार का सेवन करें.
  • खरना या लोहंडा के दिन शाम के समय गुड़ की खीर और पूरी बनाकर छठी माता को भोग लगाएं. सबसे पहले इस खीर को व्रती खुद खाएं बाद में परिवार और ब्राह्मणों को दें.
  • छठ के दिन घर में बने हुए पकवानों को बड़ी टोकरी में भरें और घाट पर जाएं.
  • घाट पर ईख का घर बनाकर बड़ा दीपक जलाएं.
  • व्रती घाट में स्नान कर के लिए उतरें और दोनों हाथों में डाल को लेकर भगवान सूर्य को अर्घ्य दें.
  • सूर्यास्त के बाद घर जाकर परिवार के साथ रात को सूर्य देवता का ध्यान और जागरण करें. इस जागरण में छठी मइया के  गीतों (Chhathi Maiya Geet) को सुनें.
  • सप्तमी के दिन सूर्योदय से पहले ब्रह्म मुहूर्त में सारे व्रती घाट पर पहुंचे. इस दौरान वो पकवानों की टोकरियों, नारियल और फलों को साथ रखें.
  • सभी व्रती उगते सूरज को डाल पकड़कर अर्घ्य दें.
  • छठी की कथा सुनें और प्रसाद का वितरण करें.
  • आखिर में सारे व्रती प्रसाद ग्रहण कर व्रत खोलें.
Featured Video Of The Day
Union Budget 2025: कहने को 1 फरवरी, लेकिन Middle Class को आज मिला मोदी सरकार से असली New Year Gift!