भगवान शिव के स्वरूप काल भैरव की पूजा के समय किया जाता इन मंत्रों का जाप

शास्त्रों के अनुसार, भगवान शिव ने कृष्ण अष्टमी पर काल भैरव का रूप धारण किया था. काल भैरव को काशी के निर्देशों और संरक्षण का रक्षक माना जाता है. कहते हैं कि इस दिन काल भैरव भगवान की पूजा करने से भक्त को अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति मिलती है. आज के दिन काल भैरव की पूजा के समय इन मंत्रों का जाप किया जाता है.

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काल भैरव की पूजा के समय इन मंत्रों का जाप करना माना जाता है शुभ
नई दिल्ली:

साल की पहली कालाष्टमी (Kalashtami) 25 जनवरी यानि है. कालाष्टमी के दिन भगवान शिव (Lord Shiva) के अवतार काल भैरव की आराधना की जाती है. मान्यता है कि इस दिन व्रत करने से क्रूर ग्रहों का प्रभाव धीरे-धीरे समाप्त हो जाता है और ग्रह शुभ फल देना शुरू कर देते हैं. कहते हैं कि कालाष्टमी के दिन भैरव बाबा पापियों को दंड देते हैं, इसीलिए इसे भैरव बाबा की दंडापानी भी कहा जाता है. शास्त्रों के अनुसार, भगवान शिव ने कृष्ण अष्टमी पर काल भैरव का रूप धारण किया था. काल भैरव को काशी के निर्देशों और संरक्षण का रक्षक माना जाता है.

कहते हैं कि आज के दिन काल भैरव भगवान (Kaal Bhairav) की पूजा करने से भक्त को अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति मिलती है. आज के दिन काल भैरव की पूजा के समय इन मंत्रों का जाप किया जाता है. आइए जानते हैं काल भैरव की पूजन के समय पढ़े जाने वाले मंत्र.

काल भैरव व्रत मंत्र | Kaal Bhairav Mantra

अतिक्रूर महाकाय कल्पान्त दहनोपम्,

भैरव नमस्तुभ्यं अनुज्ञा दातुमर्हसि!!

अन्य मंत्र

ओम भयहरणं च भैरव:।

ओम कालभैरवाय नम:।

ओम ह्रीं बं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरूकुरू बटुकाय ह्रीं।

ओम भ्रं कालभैरवाय फट्।

॥ ॐ हं षं नं गं कं सं खं महाकाल भैरवाय नम:॥

ॐ ह्रीं बटुकाय आपदुद्धारणाचतु य कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ॐ॥

॥ॐ भैरवाय नम:॥

बटुकाख्यस्य देवस्य भैरवस्य महात्मन:।

ब्रह्मा विष्णु, महेशाधैर्वन्दित दयानिधे॥

ॐ ह्रीं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं

॥ऊं भ्रं कालभैरवाय फ़ट॥

|| ॐ भयहरणं च भैरव: ||

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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