बृहस्पति को देवताओं का गुरु माना गया है. बृहस्पति धनु और मीन राशि के स्वामी भी हैं, जो कि ज्ञान और बुद्धि के दाता हैं. इनकी कृपा से सुख-समृद्धि, संतान, धार्मिक कार्य, सौभाग्य और पुण्य फल प्राप्त होता है. देवगुरु बृहस्पति की कृपा होने पर इन सभी सुखों की प्राप्ति होती है. यदि किसी जातक के जीवन में तमाम तरह की परेशानियां हो. ऐसे में उस जातक को देवगृरु बृहस्पति का व्रत, मंत्र जप व उनसे संबंधित दान का महाउपाय जरूर करना चाहिए. देवगुरु बृहस्पति ज्ञान और बुद्धि के दाता माने जाते हैं, जिनकी कृपा से सुख-संपत्ति और सौभाग्य का वरदान मिलता है. कहा जाता है कि अगर आपका भाग्य आपसे रूठ गया है तो उसे मनाने के लिए बृहस्पतिवार व्रत जरूर करना चाहिए.
बृहस्पति का प्रार्थना मंत्र
देवमंत्री विशालाक्षः सदा लोकहितेरतः।
अनेकशिष्यैः संपूर्णः पीडां दहतु में गुरुः।।
जानिये क्यों भगवान विष्णु को कहते हैं श्री हरि, आखिर क्यों गुरुवार के दिन की जाती उनकी पूजा
श्री बृहस्पतिवार की आरती
ॐ जय बृहस्पति देवा, जय बृहस्पति देवा।
छिन-छिन भोग लगाऊं, कदली फल मेवा।।
ॐ जय बृहस्पति देवा।।
तुम पूर्ण परमात्मा, तुम अंतर्यामी।
जगतपिता जगदीश्वर, तुम सबके स्वामी।।
ॐ जय बृहस्पति देवा।।
चरणामृत निज निर्मल, सब पातक हर्ता।
सकल मनोरथ दायक, कृपा करो भर्ता।।
ॐ जय बृहस्पति देवा।।
मान्यता: भगवान श्री हरि विष्णु के इन मंत्रों के जाप से गुरुवार को हो सकता है महालाभ
तन, मन, धन अर्पण कर, जो जन शरण पड़े।
प्रभु प्रकट तब होकर, आकर द्वार खड़े।।
ॐ जय बृहस्पति देवा।।
दीनदयाल दयानिधि, भक्तन हितकारी।
पाप दोष सब हर्ता, भव बंधन हारी।।
ॐ जय बृहस्पति देवा।।
सकल मनोरथ दायक, सब संशय तारो।
विषय विकार मिटाओ, संतन सुखकारी।।
ॐ जय बृहस्पति देवा।।
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)