Brihaspati Mantra: कहते हैं किसी भी राशि में बृहस्पति के कमजोर होने से व्यक्ति के संस्कार कमजोर हो जाते हैं और विद्या-धन की प्राप्ति में भी बाधा आती है. इतना ही नहीं कहा जाता है कि बृहस्पति ग्रह के कमजोर होने से शादी-ब्याह में समस्या आती है, संतान पक्ष को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है और बृहस्पति ग्रह कमजोर होने से स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है, जिससे पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है. ऐसे में बृहस्पति ग्रह (Brihaspati Grah) के बुरे प्रभाव को कम करने के लिए आपको क्या करना चाहिए और किन मंत्रों का उच्चारण करना चाहिए, जानिए यहां.
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सुबह उठकर करें बृहस्पति देव की आराधना
बृहस्पति के प्रभाव को कम करने के लिए गुरुवार के दिन सुबह सबसे पहले उठकर नहाएं, पीले कपड़े पहनें. बृहस्पति देव की फोटो या केले के पेड़ के पास बैठें, धूपबत्ती और दीपक जलाएं, चने की दाल और गुड़ का भोग बनाएं, इसके बाद हल्दी या रुद्राक्ष की माला से बृहस्पति देव के इन 4 मंत्रों का जाप आप कर सकते हैं-
जब आपको बृहस्पति देव की कृपा चाहिए हो तब "ॐ बृ बृहस्पतये नमः" का प्रातःकाल जाप करें.
- जब बृहस्पति के प्रभाव के कारण स्वास्थ्य की समस्या हो तब "ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः" का प्रातः और सायंकाल दोनों समय जाप करें.
- जब बृहस्पति के प्रभाव (Brihaspati Effects) के कारण संस्कारों की समस्या हो, तो "ॐ देव पूजिताय नमः" का प्रातःकाल जाप करें.
- जब संतान की समस्या हो, तो "ॐ अंगिरसाय विद्महे दिव्यदेहाय धीमहि तन्नो जीव: प्रचोदयात" का जाप करें.
जिन जातकों की कुंडली में बृहस्पति ग्रह का अशुभ प्रभाव पड़ रहा है या शनि की अशुभ स्थिति बनी हुई है, ऐसे लोगों को हर गुरुवार को 11, 51 या 108 बार बृहस्पति मंत्र का जाप करना चाहिए. ऐसा करने से जातक के दुखों का निवारण होता है, स्वास्थ्य बेहतर होता है, संतान से जुड़ी कोई समस्या नहीं होती है. ज्ञान और धन की प्राप्ति होती है और जो लोग शादी करना चाहते हैं वह भी इस मंत्र का जाप कर सकते हैं. किसी भी जातक की कुंडली में बृहस्पति ग्रह का विशेष प्रभाव पड़ता है. ऐसे में बृहस्पति ग्रह के अशुभ प्रभाव से कई समस्याएं बढ़ सकती हैं. लेकिन आप इन 4 मंत्रों को बोलकर इसके विपरीत प्रभाव को कम कर सकते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)