Brihaspati Aarti: बृहस्पति देवता की आरती, जिसे करते ही बदलती है किस्मत और बन जाता है बिगड़ा काम

Brihaspativar Ki Aarti: सनातन परंपरा में गुरुवार के दिन देवगुरु बृहस्पति की पूजा अत्यंत ही शुभ और फलदायी मानी गई है, लेकिन आपकी यह पूजा तब तक सफल नहीं होती है, जब तक आप इसके अंत बृहस्पति देवता की विधि-विधान से आरती नहीं करते हैं.

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Brihaspativar Ki Aarti: बृहस्पति देवता की आरती

Brihaspativar ki aarti: हिंदू मान्यता के अनुसार गुरुवार के देवता बृहसपति देव माने गये हैं. बृहस्पति देवता सभी देवताओं के गुरु हैं, जिनकी पूजा करने पर व्यक्ति को सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है. हिंदू मान्यता के अनुसार देवगुरु बृहस्पति शिक्षा, बुद्धि, धर्म और ज्ञान के कारक हैं. बृहस्पति देवता की की जिस व्यक्ति पर कृपा बरसती है, उसे समाज में खूब मान-सम्मान मिलता है. उसकी आध्यात्मिक उन्नति होती है. हिंदू मान्यता के अनुसार गुरुवार के दिन देवगुरु बृहस्पति की पूजा का पुण्यफल पाना हो तो उस दिन शुद्ध देशी घी के दीये से उनकी विशेष आरती अवश्य करनी चाहिए.

देवगुरु बृहस्पति की आरती | Brihaspati devta ki aarti

ॐ जय बृहस्पति देवा

ॐ जय बृहस्पति देवा, जय बृहस्पति देवा.

छिन-छिन भोग लगाऊं, कदली फल मेवा..

ॐ जय बृहस्पति देवा..

तुम पूर्ण परमात्मा, तुम अंतर्यामी.

जगतपिता जगदीश्वर, तुम सबके स्वामी..

ॐ जय बृहस्पति देवा..

चरणामृत निज निर्मल, सब पातक हर्ता.

सकल मनोरथ दायक, कृपा करो भर्ता..

ॐ जय बृहस्पति देवा..

तन, मन, धन अर्पण कर, जो जन शरण पड़े.

प्रभु प्रकट तब होकर, आकर द्वार खड़े..

ॐ जय बृहस्पति देवा.

दीनदयाल दयानिधि, भक्तन हितकारी.

पाप दोष सब हर्ता, भव बंधन हारी..

ॐ जय बृहस्पति देवा..

सकल मनोरथ दायक, सब संशय तारो.

विषय विकार मिटाओ, संतन सुखकारी..

ॐ जय बृहस्पति देवा..

जो कोई आरती तेरी प्रेम सहित गावे.

जेष्टानंद बंद सो-सो निश्चय पावे..

ॐ जय बृहस्पति देवा..

गुरुवार की पूजा का धार्मिक महत्व

गुरुवार का दिन देवगुरु बृहस्पति की पूजा के लिए समर्पित है, जो कि सुख-सौभाग्य के देवता माने जाते हैं. हिंदू मान्यता के अनुसार यदि गुरुवार के दिन देव गुरु बृहस्पति का विधि-विधान से व्रत और पूजन किया जाए तो व्यक्ति की सभी मनोकामना पूरी होती है.

Thursday Puja Tips: देवगुरु बृहस्पति की कृपा पाने के लिए गुरुवार के दिन क्या करना और क्या नहीं करना चाहिए?

बृहसपति देवता की पूजा करने पर साधक को तमाम तरह के कष्टों से मुक्ति और गुडलक प्राप्त होता है. देवगुरु बृहस्पति की जिस पर कृपा बरसती है, उसके जीवन में हमेशा मान-सम्मान और प्रतिष्ठा बनती रहती है. उस पर गुरुओं की पूरी कृपा बरसती है और वह धर्म-कर्म के कार्य में पारंगत रहता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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