Bhutadi Amavasya 2023: अमावस्या की विशेष धार्मिक मान्यता होती है और इस दिन खास पूजा-पाठ भी किया जाता है. सालभर में यूं तो कई अमावस्या पड़ती हैं लेकिन भूतड़ी अमावस्या के विषय में कम ही लोग जानते हैं. इस अमावस्या का नाम सुनते ही कान खड़े हो जाना स्वाभाविक है. आखिर क्या होती है यह भूतड़ी अमावस्या (Bhutadi Amavasya) और क्या इसका भूत-पिशाचों से कोई संबंध है और इस दिन होता क्या है? असल में चैत्र माह में मंगलवार के दिन पड़ने वाली चैत्र अमावस्या (Chaitra Amavasya) को भूतड़ी अमावस्या कहते हैं. इस अमावस्या का केवल नामभर ही भूतड़ी अमावस्या है इसका भूत-पिशाच से कोई लेना-देना नहीं है. लेकिन, इस दिन भी कुछ खास बातों का ध्यान रखा जाता है और पूजा संपन्न की जाती है.
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भूतड़ी अमावस्या की तिथि और मुहूर्तचैत्र अमास्या या भूतड़ी अमावस्या की शुरूआत 20 मार्च रात 1 बजकर 47 मिनट पर हो रही है. इस अमावस्या का समापन 21 मार्च रात 10 बजकर 53 मिनट पर हो जाएगा. भूतड़ी अमावस्या पर कई शुभ योग भी बन रहे हैं जिस चलते इस अमावस्या का महत्व और भी बढ़ जाता है. बता दें कि भूतड़ी अमावस्या के दिन शुक्ल और सिद्धी योग बनेंगे. इस अमावस्या पर भूतों जैसी किसी चीज का कोई प्रभाव नहीं होता है लेकिन भूतड़ी अमावस्या पर नकारात्मक ऊर्जा (Negative Energy) फैलती मानी जाती है और नकारात्मकता से बचने के लिए ही इस दिन अमावस्या की पूजा होती है.
- इस अमावस्या के दिन नदी में स्नान करना अच्छा माना जाता है.
- भूतड़ी अमावस्या पर यदि किसी पवित्र नदी में स्नान नहीं कर सकते तो मान्यतानुसार घर में ही पानी की बाल्टी में गंगाजल डालकर स्नान कर लेना चाहिए.
- इस दिन दान-पुण्य करना भी शुभ होता है.
- गरीबों को खिलाना खिलाने पर भी अमावस्या पूजा (Amavaysa Puja) का फल मिलता है.
- अमावस्या वाले दिन लोग चाहें तो मंदिर के दर्शन करने भी जा सकते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)