इन तीनों दोस्तों का नाम निखिल शर्मा, निखिल चौधरी और आदित्य है.
Kawad yatra 2025 : आज सावन के साथ कांवड़ यात्रा का शुभारंभ हो गया. ऐसे में कांवड़ यात्रा मार्ग पर आस्था के अद्भुत रंग देखने को मिल रहे हैं. कांवड़ मार्ग पर कांवड़ियों का जत्था बोल बम के नारे लगाते हुए भगवा रंग धारण किए निकल पड़ा है. सभी का एक ही लक्ष्य है महादेव का प्रसन्न करना और उनका आशीर्वाद पाना. कोई नंगे पांव चलकर जा रहा है तो कोई दांडी कांवड यात्रा कर रहा है. सभी अपने-अपने तरीके से भोलेनाथ के प्रति भक्ति भाव प्रकट कर रहे हैं. इस बीच कांवड़ मार्ग पर 3 दोस्तों के एक ग्रुप से एनडीटीवी ने बातचीत की. जिसमें उन्होंने बताया की वो 51 लीटर की कांवड़ लेकर हरिद्वार से निकले हैं.
पहली बार करने जा रहे हैं कांवड़ यात्रा? इन नियमों का रखें खास ध्यान, नहीं तो यात्रा हो सकती है असफल!
इन तीनों दोस्तों का नाम निखिल शर्मा, निखिल चौधरी और आदित्य है. ये तीनों दोस्त हरिद्वार से जल भरकर निकले हैं जिसे वे शिवरात्रि के दिन गाजियाबाद के मोदीनगर के मंदिर में चढ़ाएंगे.
एनडीटीवी से बातचीत में आदित्य ने बताया कि पिछले साल वो 70 लीटर की कांवड़ लेकर आए थे. क्योंकि पिछले साल हम दो तीन लोग थे. लेकिन इस साल कांवड़ लेकर चलने के लिए सिर्फ दो ही लोग हैं, इसलिए 51 लीटर लेकर आए हैं.
वहीं, दूसरे दोस्त निखिल चौधरी ने बताया कांवड़ लेकर उन्हें गाजियाबाद पहुंचने में 10 से 12 दिन लग जाएंगे. दिन और रात दोनों समय में 10 से 12 किलो मीटर हर दिन चलने का प्रयास करते हैं. ऐसे में वह शिवरात्रि के दिन गाजियाबाद पहुंच जाएंगे.
आपको बता दें कि कांवड़ यात्रा आसान नहीं होती, लेकिन शिव भक्त भोलेनाथ के जयकारे के साथ इस यात्रा में उत्साह भर देते हैं, जिससे कांवड़ यात्रा आसान हो जाती है.
सावन का महीना 11 जुलाई से शुरू हुआ है जो 9 अगस्त को समाप्त होगा. वहीं, 23 जुलाई को मासिक शिवरात्रि के दिन कांवडिए शिवालयों पर कांवड़ के जल को शिव जी को अर्पित करेंगे.